22 जनवरी को अमेरिकी हाउस कमेटी ऑन द जुडिशियरी के समक्ष सेंटर फॉर इमिग्रेशन स्टडीज़ की नीति अध्ययन निदेशक जेसिका एम. वॉन ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि 2023 में 7000 भारतीय छात्र और एक्सचेंज विज़िटर अमेरिका में अपने वीज़ा की समयसीमा पार कर चुके थे। वॉन ने बताया कि भारत में छात्र वीज़ा ओवरस्टे (अवैध रूप से रुकने) के सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए।
उन्होंने कहा, “F और M वीज़ा श्रेणियों में अस्थायी प्रवेश की अन्य श्रेणियों की तुलना में सबसे अधिक ओवरस्टे दरें देखी गई हैं। 32 देशों में छात्र/एक्सचेंज विज़िटर ओवरस्टे दर 20 प्रतिशत से अधिक है।” F-1 वीज़ा अमेरिका में मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों में पूर्णकालिक छात्र के रूप में प्रवेश की अनुमति देता है, जबकि M-1 वीज़ा व्यावसायिक या गैर-शैक्षणिक कार्यक्रमों में दाखिले के लिए होता है।
उन्होंने आगे कहा, "चार देशों – ब्राजील, चीन, कोलंबिया और भारत के 2,000 से अधिक नागरिकों ने 2023 में छात्र/एक्सचेंज वीज़ा की अवधि पार की। इनमें भारत के मामले सबसे ज्यादा (7000) रहे।"
वीज़ा प्रणाली को सख्त करने की सिफारिशें
वॉन ने अपने बयान में सुझाव दिए कि न केवल सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा (CBP) और आप्रवासन और सीमा प्रवर्तन (ICE) को मजबूत किया जाए, बल्कि वीज़ा और इमिग्रेशन लाभ कार्यक्रमों में बदलाव कर ओवरस्टे, धोखाधड़ी और अवैध प्रवास के अन्य रूपों को रोका जाए।
उन्होंने वीज़ा जारी करने की नीतियों को और अधिक सख्त करने की आवश्यकता पर बल दिया, जिसमें अनिवार्य साक्षात्कार, कम प्रवास अवधि और ओवरस्टे करने वालों के लिए सख्त कार्रवाई शामिल हैं। वॉन ने दिवंगत नागरिक अधिकार नेता बारबरा जॉर्डन के शब्दों को याद दिलाया, जिन्होंने कहा था,"जो लोग अंदर आना चाहते हैं, उन्हें अनुमति दी जाए। जिन्हें बाहर रखा जाना चाहिए, वे बाहर रहें और जो यहां नहीं होने चाहिए, उन्हें देश छोड़ने के लिए बाध्य किया जाए।"
भारतीय छात्रों और पेशेवरों के लिए बढ़ती सख्ती
वॉन ने भारतीय नागरिकों के अमेरिका में शिक्षा या नौकरी के लिए यात्रा करने के परिप्रेक्ष्य में प्रवेश और निकास ट्रैकिंग को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया।
इन सुधारों का उद्देश्य
वीज़ा नियमों को सख्त करना
ओवरस्टे की घटनाओं को कम करना
अस्थायी वीज़ा कार्यक्रमों के दुरुपयोग और धोखाधड़ी को रोकना
कांग्रेस की भूमिका और ट्रम्प प्रशासन का प्रभाव
गवाही के दौरान, वॉन ने कांग्रेस अध्यक्ष मैकक्लिंटॉक और सांसद प्रमिला जयपाल को धन्यवाद दिया, जिन्होंने उन्हें इस सुनवाई में अपने विचार साझा करने का अवसर दिया।
उन्होंने कहा, “हमें पूरा विश्वास है कि यदि राष्ट्रपति ट्रंप फिर से सत्ता में आते हैं, तो वे त्वरित कार्रवाई करेंगे। लेकिन पिछले चार वर्षों के अनुभव ने दिखाया है कि हमारी कई आप्रवासन नीतियों में बदलाव की ज़रूरत है। इसलिए यह आवश्यक है कि कांग्रेस भी सक्रिय रूप से कार्य करे और अपनी आप्रवासन नीति तय करने का अधिकार पुनः प्राप्त करे।”
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