भारत-ग्वाटेमाला संबंधों और वैश्विक योग आंदोलन के लिए एक ऐतिहासिक क्षण के तहत ग्वाटेमाला में भारतीय दूतावास ने भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) की ओर से सैन पेड्रो कारचा की नगर पालिका, डॉन बॉस्को सेंटर एसोसिएशन के सहयोग से और अल्टा वेरापाज के गवर्नर के मजबूत समर्थन के साथ 13 जून 2025 को सैन पेड्रो कारचा, कोबान, ग्वाटेमाला में इस क्षेत्र में सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह आयोजित किया। यह संभवत: भारत के बाहर सबसे बड़ी सभा थी।
इस मेगा कार्यक्रम में अभूतपूर्व रूप से 10,000 से अधिक योग उत्साही लोग जुटे जिससे यह ग्वाटेमाला के लिए गौरव का दिन बन गया और योग के वैश्विक प्रचार में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित हुआ।
13 जून से पहले गति और माहौल बनाने के लिए दूतावास ने 11 जून, 2025 को इजाबल (550 प्रतिभागियों) और चालाल नगर पालिका (1,500 प्रतिभागियों) में दो अलग-अलग योग सत्र आयोजित किए, जो ग्वाटेमाला के आंतरिक क्षेत्रों में योग की बढ़ती पहुंच को प्रदर्शित करते हैं।
इस समारोह में शिक्षा मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, सैन पेड्रो कारचा की नगर पालिका, डॉन बॉस्को सेंटर, तलिता कुमू के संघों और ग्वाटेमाला में संचालित एचसीएल टेक, टीसीएस, ग्रुपो उमा, कैप्लिन पॉइंट, 24X7 ए.आई., लुखम फार्मा, क्रिशपर हेल्थकेयर एस.ए., स्ट्राइकर फार्मा, ग्रुपो करीम, लक्ष्मी कैपिटल, प्रदिल्शा, खुशी एंटरप्राइजेज जैसी कई भारतीय कंपनियों सहित प्रमुख स्थानीय संस्थानों का पूर्ण समर्थन और भागीदारी देखी गई।
आयोजन की सफलता सुनिश्चित करने में उनकी भागीदारी महत्वपूर्ण रही। चाहे वह लोगों को जुटाना हो या रसद अथवा आउटरीच। विशेष रूप से, युवा इस समारोह के केंद्र में थे, जिसमें क्षेत्र भर के शैक्षणिक संस्थानों के 10,000 से अधिक छात्र दर्शकों के मुख्य केंद्र में थे। यह ग्वाटेमाला की अगली पीढ़ी के बीच योग की बढ़ती अपील का प्रमाण है।
इस भव्य कार्यक्रम की शुरुआत 12 जून 2025 को अहमदाबाद, भारत में हुए दुखद विमान हादसे में मारे गए 274 लोगों की याद में एक मिनट के मौन के साथ हुई। स्थानीय ग्वाटेमाला नेताओं सहित उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने भारत के लोगों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना और एकजुटता व्यक्त की।
दूतावास अब स्थानीय सरकारों और प्रायोजकों की साझेदारी में 21 जून को सैन साल्वाडोर और टेगुसिगाल्पा में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 के कार्यक्रमों की मेजबानी करने वाला है।
इन कार्यक्रमों से योग के माध्यम से वैश्विक कल्याण के भारत के संदेश को और मजबूती मिलने की उम्मीद है। भारत ने निस्संदेह ग्वाटेमाला में एक उल्लेखनीय छाप छोड़ी है, न केवल कूटनीति के माध्यम से बल्कि योग की सॉफ्ट पावर के माध्यम से और लोगों को स्वास्थ्य व शांति के उद्देश्य से एकजुट करके।
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