अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 19 सितंबर को H-1B वीज़ा कार्यक्रम में सुधार के लिए एक नई घोषणा की है। इसके तहत 21 सितंबर से नई H-1B वीज़ा के लिए $1 लाख की फीस लगाई जाएगी। यह कदम वीज़ा प्रणाली में संभावित गड़बड़ियों को रोकने और अमेरिकी कामगारों के हितों की रक्षा के उद्देश्य से उठाया गया है।
हालांकि, यह नई फीस पहले जारी वीज़ा या पहले जमा किए गए आवेदन पर लागू नहीं होगी। वर्तमान वीज़ा धारक अमेरिका में बिना किसी परेशानी के यात्रा कर सकते हैं।
यह भी पढ़ें- $100K H-1B : ट्रम्प की घोषणा ने खड़े किए कई सवाल
भविष्य में और बदलाव
भविष्य में H-1B कार्यक्रम में और बदलाव होने की संभावना है। प्रशासन ने संकेत दिए हैं कि श्रम विभाग वीज़ा धारकों के लिए वेतन स्तर बढ़ाने की योजना बना रहा है, ताकि केवल उच्च कौशल और योग्य विदेशी कर्मचारियों को ही H-1B वीजा मिले, जबकि हॉमलैंड सिक्योरिटी विभाग लॉटरी में उच्च वेतन और उच्च कौशल वाले कर्मचारियों को प्राथमिकता देगा। इसके अलावा, प्रशासन ने कहा है कि आने वाले महीनों में और सुधारों की घोषणा की जाएगी।
USCIS की नई गाइडलाइन में भी साफ किया गया है कि इन कदमों का मकसद H-1B कार्यक्रम को सिर्फ सबसे बेहतर अस्थायी विदेशी कर्मचारियों के लिए बनाना है।
इस फैसले से तकनीकी कंपनियों और विदेशी कर्मचारियों के बीच चर्चा तेज हो गई है, क्योंकि $1 लाख की अतिरिक्त फीस और उच्च वेतन प्राथमिकता से H-1B आवेदन प्रक्रिया में बड़ा बदलाव आने की संभावना है।
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login