अमेरिका में टेक कंपनियों के लिए अमेरिका का H-1B वीजा काफी लोकप्रिय है। टेक से लेकर हेल्थकेयर और फाइनेंस से लेकर फिनटेक जैसे सेक्टर्स के जुड़े प्रोफेशनल्स के लिए यह अहम है। यही वजह है कि यूएस में ज्यादातर भारतीय H-1B वीजा पर काम करते हैं। हालांकि ट्रम्प सरकार ने इसके लिए ली जाने वाली फीस बढ़ा दी है। ऐसे में अगर इस वीजा कार्यक्रम के तहत यूएस गए किसी सख्स की जॉब छूट जाती है, उसके लिए क्या ऑप्शन हो सकता है, यह जानना आवश्यक है।
दरअसल, H-1B वीजा के लिए पहले औसतन 5 लाख रुपए लगते थे। यह 3 साल के लिए मान्य होता था। इसे 3 साल के लिए रिन्यू किया जा सकता था। अब अमेरिका में H-1B वीजा के लिए 6 साल में 5.28 करोड़ लगेंगे, यानी खर्च करीब 50 गुना से ज्यादा बढ़ जाएगा।
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