टोक्यो की नियॉन पल्स से लेकर क्योटो की शांति तक, जापान एक ऐसा देश है, जिसकी खूबसूरती ना केवल सभी को अपनी ओर खींचती है, बल्कि यह एक ऐसी जगह है जहां मौन भी बोलता है, यानी हर कोने में सुख शांति की अनुभूति होती है। यहां सुंदरता बेमिसाल है, सफाई बिल्कुल बेदाग! फुटपाथों पर कूड़े का एक टुकड़ा भी नहीं है और न ही ट्रेन स्टेशनों पर गंदगी, सबकुछ नीट एंड क्लीन।
वैदिक ज्योतिष, प्राचीन दर्शन और फेंग शुई का ज्ञान रखने वाली प्रीतीबाला ने अब तक दो बार जापान की यात्रा की है। दूसरी बार की यात्रा के दौरान जापान को लेकर उन्हें यात्रा के दौरान खास अनुभव हुआ। अपने यात्रा के अनुभव को शेयर करते हुए प्रीतीबाला ने बताया कि कैसे जापान में लोग हर पल में जागरूकता के साथ आगे बढ़ रहे हैं। प्रीतीबाला के मुताबिक, जापान की खूबसूरत अंदर से झलकती है। यहां के शहर, प्राचीन मंदिर और खूबसूरत पहाड़ों पर्यटकों का आकर्षित करते हैं। यहां पर्यटन स्थलों पर देश की सांस्कृतिक छवि भी स्पष्ट तौर पर देखी जा सकती है। कोई सार्वजनिक कूड़ेदान नहीं हैं। यहां स्वच्छता के प्रति लोगों ने अपनी व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय कर ली है। नागरिक खुद कचरे को लेकर जागरूक हैं। जापान में यह कोई नियम नहीं, बल्कि जीने का तरीका माना जाता है।
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