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एन चंद्रशेखरन टाटा ग्रुप का नेतृत्व करने वाले पहले गैर-पारसी हैं। / image : Wikipedia
यूनाइटेड किंगडम (यूके) ने टाटा संस के अध्यक्ष एन. चंद्रशेखरन को ब्रिटिश साम्राज्य के ऑर्डर ऑफ नाइट कमांडर (KBE) की मानद उपाधि प्रदान की है। यह प्रतिष्ठित सम्मान विदेशी नागरिकों को ब्रिटिश राजशाही द्वारा दिए जाने वाले सर्वोच्च सम्मान में से एक है।
चंद्रशेखरन टाटा ग्रुप का नेतृत्व करने वाले पहले गैर-पारसी हैं। उन्होंने कंपनी को ग्लोबल विस्तार दिलाने में अहम भूमिका निभाई है। उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने विमानन, सेमीकंडक्टर्स और इलेक्ट्रिक वाहनों सहित कई क्षेत्रों में विस्तार किया है।
चंद्रशेखरन 1987 में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) में शामिल हुए थे। प्रमोशन की सीढ़ी चढ़ते हुए पहले सीओओ और सीईओ रहे। 2017 में टाटा संस के अध्यक्ष चुने गए। उन्होंने कॉयम्बटूर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से स्नातक और रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज तिरुचिरापल्ली से कंप्यूटर एप्लीकेशन में मास्टर डिग्री ली है।
KBE सम्मान विजेताओं को भारतीय सरकार के नियमों की वजह से "सर" का खिताब नहीं मिलता है लेकिन उन्हें मानद नाइट्स की मान्यता मिलती है। ब्रिटिश साम्राज्य के इस पुरस्कार की स्थापना 1917 में हुई थी। इसके तहत ब्रिटिश समाज और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में योगदान देने वाले व्यापार, संगीत एवं उद्योग आदि क्षेत्रों के लोगों को सम्मानित किया जाता है।
चंद्रशेखरन के साथ भारती एंटरप्राइजेज के संस्थापक अध्यक्ष सुनील भारती मित्तल को भी यूके-भारत व्यापार संबंधों में उनके योगदान के लिए मानद KBE से सम्मानित किया गया है। कई अन्य भारतीयों को भी ब्रिटिश सम्मान दिया गया है, इनमें राजिंदर धत्त को ब्रिटिश एंपायर के मेंबर ऑफ द मोस्ट एक्सीलेंट ऑर्डर (MBE) से सम्मानित किया गया है।
नई दिल्ली स्थित ब्रिटिश उच्चायोग में इन्वेस्टमेंट कैपिटल टीम के प्रमुख गौरव कपूर को भारत में अंतरराष्ट्रीय विकास के लिए उनकी सेवाओं के लिए एमबीई से सम्मानित किया गया। इसके अलावा भारत में ब्रिटिश गोरखा समुदाय के मानद क्षेत्रीय कल्याण अधिकारी सत्यसागर घले को भारत में रहने वाले ब्रिटिश गोरखा वेटरंस की सेवा के लिए मानद ब्रिटिश एंपायर मेडल (BEM) से सम्मानित किया गया है।
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