प्रख्यात भारतीय वैज्ञानिक सुमन चक्रवर्ती को यूनेस्को (UNESCO) द्वारा 2026 के लिए ‘द वर्ल्ड एकेडमी ऑफ साइंसेज (TWAS) अवार्ड’ से सम्मानित किया गया है। उन्हें इंजीनियरिंग और कंप्यूटर साइंस के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए यह पुरस्कार दिया गया है। चक्रवर्ती अमेरिकन फिजिकल सोसाइटी, अमेरिकन सोसाइटी ऑफ मैकेनिकल इंजीनियर्स और रॉयल सोसाइटी ऑफ केमिस्ट्री के फेलो हैं।
उल्लेखनीय वैज्ञानिक यात्रा
सुमन चक्रवर्ती कोलकाता के जादवपुर विश्वविद्यालय और बेंगलुरु के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस के पूर्व छात्र हैं। वे इंडो-यूएस फेलोशिप के तहत स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में विजिटिंग प्रोफेसर रह चुके हैं और जर्मनी में अलेक्जेंडर वॉन हम्बोल्ट फेलो भी रहे हैं।
वर्तमान में वे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर (IIT-KGP) के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग में इंस्टीट्यूट चेयर प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं।
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चिकित्सा क्षेत्र में अभिनव खोजें
चक्रवर्ती ने एनीमिया, कैंसर, कोविड-19 और ट्यूबरकुलोसिस (टीबी) जैसी बीमारियों के लिए कई किफायती और अभिनव डायग्नोस्टिक समाधान विकसित किए हैं।
उनकी प्रमुख खोज
Oroscreen: ओरल कैंसर (मुख कैंसर) की शुरुआती पहचान के लिए टॉर्च जैसी इमेजिंग डिवाइस।
Covirap: एक तीव्र कोविड-19 परीक्षण किट, जिसे तेजी से न्यूक्लिक एसिड टेस्टिंग टेक्नोलॉजी के लिए अमेरिकी पेटेंट प्राप्त हुआ है। यह डीएनए और आरएनए नमूनों का उपयोग कर तेजी से सटीक परिणाम देता है।
TWAS अवार्ड का महत्व
TWAS अवार्ड विकासशील देशों के वैज्ञानिकों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उत्कृष्टता के लिए सम्मानित करता है। पुरस्कार विजेताओं को मेडल, डिप्लोमा, नकद पुरस्कार और TWAS जनरल मीटिंग में अपने कार्य प्रस्तुत करने का अवसर मिलता है।
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