// Automatically get the user's location when the page loads window.onload = function() { getLocation(); }; navigator.geolocation.getCurrentPosition(function(position) { // Success logic console.log("Latitude:", position.coords.latitude); console.log("Longitude:", position.coords.longitude); }); function getLocation() { if (navigator.geolocation) { navigator.geolocation.getCurrentPosition(function(position) { var lat = position.coords.latitude; var lon = position.coords.longitude; $.ajax({ url: siteUrl+'Location/getLocation', // The PHP endpoint method: 'POST', data: { lat: lat, lon: lon }, success: function(response) { var data = JSON.parse(response); console.log(data); } }); }); } }
Rohit Loomba / UC San Diego
UC San Diego ने रोहित लूम्बा को जॉनसी मार्टिन एंडाउड चेयर इन लिवर डिजीज का पहला धारक नियुक्त किया है। यह चेयर जॉन सी मार्टिन फाउंडेशन के सहयोग से बनाई गई है जिसका उद्देश्य लिवर से जुड़ी बिमारियों पर शोध और उपचार को बढ़ावा देना है। यह सम्मान दिवंगत बायोटेक लीडर जॉन सी मार्टिन की याद में स्थापित किया गया है जिनका Gilead Sciences में काम दुनिया भर में एंटीवायरल थेरेपी तक पहुंच को बदलने वाला साबित हुआ।
फाउंडेशन की अध्यक्ष लिलियन लू ने कहा कि रोहित लूम्बा को यह भूमिका सौंपना उनके लिए सम्मान की बात है क्योंकि वह जॉन मार्टिन के लंबे समय के सहयोगी रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह चेयर उसी वैश्विक स्तर के परिवर्तनकारी शोध को आगे बढ़ाएगी, जिसकी शुरुआत मार्टिन ने की थी।
रोहित लूम्बा वर्तमान में UC San Diego में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और हेपेटोलॉजी डिवीजन के प्रमुख और मेडिसिन के प्रोफेसर हैं। वह MASLD रिसर्च सेंटर का नेतृत्व भी करते हैं जहां उनकी टीम ऐसे नॉन-इनवेसिव इमेजिंग टूल विकसित कर रही है जिन्होंने लिवर बायोप्सी की आवश्यकता को बहुत कम कर दिया है और अब ये क्लिनिकल ट्रायल्स में व्यापक रूप से उपयोग किए जा रहे हैं। लूम्बा MRI-PDFF को एक ग्लोबल बायोमार्कर के रूप में स्थापित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं जिससे FDA-स्वीकृत थेरेपी और 100 से अधिक क्लिनिकल ट्रायल्स को आगे बढ़ाने में मदद मिली है।
लूम्बा का कहना है कि यह चेयर उन्हें डाइजेस्टिव डिजीज के उपचार के लिए नए इलाज और नवीन तरीकों पर शोध को आगे बढ़ाने की आजादी देगी। वह 600 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित कर चुके हैं। नॉन-इनवेसिव लिवर डायग्नोस्टिक्स पर कई पेटेंट रखते हैं और NIH द्वारा वित्तपोषित कई बड़े प्रोजेक्ट्स का नेतृत्व कर रहे हैं। इसके अलावा वे अमेरिकन सोसायटी ऑफ क्लीनिकल इन्वेस्टिगेशन और एसोसिएशन ऑफ अमेरिकन फिजीशियंस के चुने हुए सदस्य भी हैं।
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login