भारतीय मूल के प्रणम चटर्जी दुर्लभ और कठिन इलाज वाली बीमारियों के लिए दवा खोजने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल कर रहे हैं। चटर्जी यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिल्वेनिया के स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड एप्लाइड साइंस में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। वह बायोइंजीनियरिंग और कंप्यूटर एंड इंफॉर्मेशन साइंस में काम कर रहे हैं और उन्होंने अपनी टीम के साथ नई प्रकार की थेरेप्यूटिक मॉलिक्यूल डिज़ाइन करने वाले AI मॉडल विकसित किए हैं।
यह भी पढ़ें- वीजा शुल्क: प्रतिभा पलायन की आशंका, स्टार्टअप-शिक्षा जगत में चिंता
चटर्जी का मानना है कि तकनीक कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो, अगर वह लोगों की समझ और ज़रूरतों के अनुकूल नहीं है, तो उसका असर सीमित रहेगा। उनके शोध में “अंड्रगगेबल” रोगों, जैसे कि बच्चों में कैंसर या जटिल प्रोटीन से जुड़ी बीमारियों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। पारंपरिक दवा डिज़ाइन में तीन-आयामी प्रोटीन संरचना का उपयोग किया जाता है, जबकि चटर्जी की टीम सीधे प्रोटीन अनुक्रम डेटा से नए अमीनो एसिड श्रृंखलाएं बना रही है ताकि malfunctioning प्रोटीन को टारगेट किया जा सके।
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login