ललित झा (5WH)
अमेरिका की शीर्ष आव्रजन वकील एमिली न्यूमैन / .courtesy image
जब राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने 21 सितंबर के बाद दायर H-1B वीजा आवेदनों पर 1,00,000 डॉलर का शुल्क लगाने वाले एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए तो इसका असर सिलिकॉन वैली से कहीं आगे तक फैल गया।
आव्रजन एवं राष्ट्रीयता अधिनियम की धारा 212(f) के तहत प्रवेश प्रतिबंध के रूप में जारी यह आदेश मुख्य रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका के बाहर के श्रमिकों को प्रभावित करता है। लेकिन इसका सबसे अधिक असर उन संस्थानों पर पड़ सकता है जो इस लागत को वहन करने में सबसे कम सक्षम हैं। यानी विश्वविद्यालय, गैर-लाभकारी अस्पताल और स्टार्टअप।
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
PREVIEW OF NEW INDIA ABROAD
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login