जब राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने 21 सितंबर के बाद दायर H-1B वीजा आवेदनों पर 1,00,000 डॉलर का शुल्क लगाने वाले एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए तो इसका असर सिलिकॉन वैली से कहीं आगे तक फैल गया।
आव्रजन एवं राष्ट्रीयता अधिनियम की धारा 212(f) के तहत प्रवेश प्रतिबंध के रूप में जारी यह आदेश मुख्य रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका के बाहर के श्रमिकों को प्रभावित करता है। लेकिन इसका सबसे अधिक असर उन संस्थानों पर पड़ सकता है जो इस लागत को वहन करने में सबसे कम सक्षम हैं। यानी विश्वविद्यालय, गैर-लाभकारी अस्पताल और स्टार्टअप।
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