सूर्या गांगुली, कृष्णा पिल्लुतला, और सुरभि गोयल। / AI2050
भारतीय मूल के शोधकर्ता सूर्य गांगुली, कृष्णा पिल्लुतला और सुरभि गोयल उन 28 वैश्विक विद्वानों में शामिल हैं जिन्हें श्मिट साइंसेज ने 2025 AI2050 फेलोशिप के लिए चुना है। यह एक ऐसा कार्यक्रम है जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) से समाज को लाभ पहुंचाने वाली परियोजनाओं के लिए 18 मिलियन डॉलर से अधिक का पुरस्कार प्रदान करता है।
प्राप्तकर्ताओं में 21 शुरुआती करियर वाले और सात वरिष्ठ फेलो शामिल हैं, जिन्हें तीन वर्षों में वित्त पोषण (फंड) प्राप्त होगा। वे व्याख्यात्मक AI प्रणालियों के विकास से लेकर AI अनुप्रयोगों में गोपनीयता सुनिश्चित करने और संवादात्मक AI की विश्वसनीयता में सुधार तक की परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं।
स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में अनुप्रयुक्त भौतिकी के प्रोफेसर और मानव-केंद्रित AI संस्थान के एसोसिएट निदेशक सूर्य गांगुली को वरिष्ठ फेलो नामित किया गया है। उनका शोध यह उजागर करके व्याख्यात्मक और विश्वसनीय AI के लिए एक वैज्ञानिक आधार तैयार करना चाहता है कि बड़ी भाषा और जनरेटिव मॉडल कैसे सृजन और तर्क करते हैं। उनकी प्रयोगशाला ऐसी प्रणालियों में रचनात्मकता और तर्क की व्याख्या करने के लिए विश्लेषणात्मक सिद्धांत विकसित कर रही है, जिसका लक्ष्य व्याख्यात्मकता और विश्वसनीयता में सुधार करना है।
गांगुली को पहले भी कई सम्मान प्राप्त हो चुके हैं, जिनमें स्लोअन फेलोशिप, सिमंस इन्वेस्टिगेटर अवार्ड और श्मिट साइंस पॉलीमैथ अवार्ड शामिल हैं। उनका प्रोजेक्ट तंत्रिका विज्ञान, नियंत्रण सिद्धांत और कृत्रिम बुद्धिमत्ता को जोड़कर यह समझने का प्रयास करता है कि कैसे AI मॉडल परस्पर क्रिया और प्रतिक्रिया के माध्यम से पुनरावर्ती रूप से बेहतर हो सकते हैं।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास में सहायक प्रोफेसर और सेंटर फॉर रिस्पॉन्सिबल AI के प्रमुख अन्वेषक, कृष्णा पिल्लुतला को प्रारंभिक-कैरियर फेलो के रूप में मान्यता दी गई। उनका काम ऐसी AI प्रणालियां विकसित करने पर केंद्रित है जो गोपनीयता और मजबूती बनाए रखें, खासकर स्वास्थ्य सेवा और वित्त जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में। उनकी AI2050 परियोजना का उद्देश्य ऐसे तरीके विकसित करना है जो उच्च प्रदर्शन बनाए रखते हुए निजी डेटा को लीक होने से रोकें।
पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर, सुरभि गोयल को भी प्रारंभिक-कैरियर फेलोशिप मिली। उनका शोध सैद्धांतिक कंप्यूटर विज्ञान और मशीन लर्निंग पर केंद्रित है, जिसका उद्देश्य संवादात्मक एआई प्रणालियों को अधिक सुरक्षित और पूर्वानुमानित बनाना है। गोयल की परियोजना मनुष्यों के साथ बातचीत के दौरान जोखिम भरे या गलत AI व्यवहार का पता लगाने और उसे रोकने के लिए गणितीय रूप से आधारित दृष्टिकोणों का उपयोग करती है।
श्मिट साइंसेज के सह-संस्थापक एरिक श्मिट ने कहा कि AI को कम महत्व दिया जाता है, खासकर जब मानवता को लाभ पहुंचाने की इसकी क्षमता की बात आती है। AI2050 फेलोशिप की स्थापना इसी क्षमता को वास्तविकता में बदलने के लिए की गई थी। एक स्वस्थ, अधिक लचीली और अधिक सुरक्षित दुनिया को आकार देने वाले लोगों और विचारों का समर्थन करके।
2022 में शुरू किए गए AI2050 कार्यक्रम में अब आठ देशों और 42 संस्थानों के 99 फेलो शामिल हैं। यह पहल ऐसे शोध का समर्थन करती है जो वैज्ञानिकों के बीच सहयोग को बढ़ावा देते हुए विश्वसनीय और सामाजिक रूप से लाभकारी AI को आगे बढ़ाता है।
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