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पेन स्टेट ने स्टूडेंट्स के चहेते दो भारतवंशी प्रोफेसरों को दिए ये खास अवॉर्ड

स्वरूप घोष को 2025 का ग्रेजुएट फैकल्टी टीचिंग अवॉर्ड और राम नारायणन को हॉवर्ड बी. पामर फैकल्टी मेंटरिंग अवॉर्ड प्रदान किया गया है।

प्रो राम नारायणन और स्वरूप घोष / Images : eecs.psu.edu

पेन स्टेट यूनिवर्सिटी ने अपने इंजीनियरिंग कॉलेज के दो प्रोफेसरों को उनकी बेहतरीन टीचिंग और मेंटरिंग के लिए सम्मानित किया है।

स्वरूप घोष को साल 2025 का ग्रेजुएट फैकल्टी टीचिंग अवॉर्ड प्रदान किया गया है। वहीं राम नारायणन को 2025 के हॉवर्ड बी. पामर फैकल्टी मेंटरिंग अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है।

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स्वरूप घोष इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग एंड कंप्यूटर साइंस के प्रोफेसर हैं। वह साइबर सिक्योरिटी, क्वांटम कंप्यूटिंग और सस्टेनेबिलिटी आदि से जुड़े प्रोजेक्टों पर काम करते हैं। वह स्टूडेंट्स को रिसर्च और इनोवेशन के लिए भी प्रेरित करते रहते हैं। 

उनके स्टूडेंट्स के मुताबिक, घोष ने कई नए कोर्स डिजाइन किए हैं। वह 21 पीएचडी स्टूडेंट्स को गाइड कर चुके हैं। उनके कई स्टूडेंट्स अब एनवीडिया, इंटेल और एप्पल जैसी बड़ी कंपनियों में कार्यरत हैं। 

घोष ने 200 से अधिक रिसर्च पेपर और कई किताबें लिखी हैं। उनके पास 15 अमेरिकी पेटेंट हैं। वह कई इनोवेटिव प्रोजेक्टों पर भी काम कर रहे हैं। उन्होंने आईआईटी रुड़की, सिनसिनाटी यूनिवर्सिटी और पर्ड्यू यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है।

वहीं राम नारायणन इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के सीनियर प्रोफेसर हैं। उन्हें जूनियर फैकल्टी को प्रोफेशनली गाइड करने के लिए सम्मानित किया गया है। इस पुरस्कार का मकसद ऐसे सीनियर प्रोफेसर्स को बढ़ावा देना है जो युवा टीचर्स को करियर में आगे बढ़ने में मदद करते हैं।

उनके नॉमिनेशन में लिखा है कि प्रोफेसर नारायणन भरोसेमंद मेंटर हैं। उनकी सलाह से कई नए प्रोफेसरों को अपने रिसर्च प्रोजेक्ट और ग्रांट्स मैनेज करने में मदद मिली है। वो हमेशा टाइम निकालकर आमने सामने मीटिंग करते हैं। उनकी गाइडेंस बहुत प्रैक्टिकल होती है।

नारायणन ने आईआईटी मद्रास से बीटेक किया है और मैसाचुसेट्स यूनिवर्सिटी एमहर्स्ट से पीएचडी की है। दोनों प्रोफेसरों को ये पुरस्कार उनके स्टूडेंट्स और साथी प्रोफेसर्स से मिली सराहना के आधार पर मिले हैं।

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