बर्मिंघम विश्वविद्यालय की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रुचि गुप्ता को 8 सितंबर को 2025 वुमन इन टेक अवार्ड से सम्मानित किया गया। गुप्ता को स्वास्थ्य सेवा प्रौद्योगिकियों में उनके अभूतपूर्व शोध के लिए अकादमिक पुरस्कार मिला। उन्होंने नवीन ऑप्टिकल बायोसेंसर पर अग्रणी शोध किया है जो रोगों का पता लगाने, विशेष रूप से कैंसर के निदान के तरीकों को बदल रहे हैं।
अपने बायोसेंसर अनुसंधान के लिए उन्होंने 3.4 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक की शोध निधि प्राप्त की है और अब तक उनके 49 प्रकाशन भी हो चुके हैं। उनकी हाइड्रोजेल सेंसिंग तकनीक को दुनिया भर में मान्यता और एक पेटेंट प्राप्त हुआ है।
मैकमास्टर विश्वविद्यालय और मैनचेस्टर विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रा गुप्ता ने 2017 में बर्मिंघम विश्वविद्यालय में शामिल होने से पहले हल विश्वविद्यालय और मैनचेस्टर विश्वविद्यालय में अध्यापन किया था।
यह पुरस्कार डॉ. गुप्ता के STEM में महिलाओं को बढ़ावा देने, विविध प्रतिभाओं का मार्गदर्शन करने और वैज्ञानिक नवाचार और शैक्षणिक विशिष्टता को प्रभावित करते हुए अगली पीढ़ी को प्रेरित करने के प्रयासों का नेतृत्व करने के प्रति समर्पण को भी मान्यता देता है।
अपनी खुशी साझा करते हुए गुप्ता ने बर्मिंघम विश्वविद्यालय को बताया कि मुझे यह अकादमिक पुरस्कार जीतकर बहुत खुशी हो रही है। इतनी सारी प्रतिभाशाली महिलाओं के बीच यह प्रतिष्ठित पुरस्कार जीतना मेरे लिए बहुत ही विनम्र अनुभव है!
वार्षिक वीमेन इन टेक पुरस्कार ब्रिटेन के तकनीकी क्षेत्र में महिलाओं के निरंतर योगदान को उजागर और मान्यता प्रदान करते हैं। इन पुरस्कारों का उद्देश्य इस क्षेत्र में महिलाओं की दृश्यता बढ़ाना और अगली पीढ़ी को 'इसे देखने और इसके लिए आकांक्षा रखने' में सक्षम बनाना है।
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