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दो भारतीय नर्सों ने UAE की उड़ान में यात्री की जान बचाई, बने मिसाल

यात्री के परिवार ने भावुक होकर कहा, हम इन्हें जीवनभर धन्यवाद नहीं कह पाएंगे। ये हमारे लिए अजनबी थे, लेकिन इन्होंने हमारे अपने को नई जिंदगी दी।

भारतीय नर्स की तस्वीर। / image provided

अबू धाबी से कोच्चि की फ्लाइट में 35,000 फीट की ऊंचाई पर जो हुआ, उसने इंसानियत और पेशेवर जिम्मेदारी की एक मिसाल पेश की। केरल के दो युवा नर्स अभिजीत जीज़ (26, वायनाड) और अजीश नेल्सन (29, चेंगन्नूर) जब अपनी पहली अंतरराष्ट्रीय उड़ान पर सवार हुए थे, तब उन्हें नहीं पता था कि यह सफर एक जान बचाने वाली कहानी में बदल जाएगा।

13 अक्टूबर की सुबह 5:30 बजे कोच्चि से अबू धाबी जा रही एयर अरबिया फ्लाइट (3L128) में दोनों नर्स आरपीएम कंपनी से जुड़ने के लिए रवाना हुए थे। लेकिन उड़ान भरने के कुछ ही मिनट बाद, करीब 5:50 बजे, पास की सीट से एक हल्की सी कराह सुनाई दी। अभिजीत ने देखा कि एक यात्री बेहोश पड़ा था, नब्ज नहीं चल रही थी, सांस थम चुकी थी। यात्री, जो केरल के त्रिशूर जिले का 34 वर्षीय व्यक्ति था, दिल का दौरा पड़ने से बेहोश हो गया था।

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अभिजीत ने तुरंत CPR शुरू किया और केबिन क्रू को सूचित किया। कुछ ही पलों में अजीश ने उनका साथ दिया। दोनों ने बिना घबराए पूरी एकाग्रता से CPR की दो राउंड की प्रक्रिया पूरी की — और तभी यात्री की सांसें लौट आईं। उन्होंने कहा, जब उसकी पलकों में हरकत देखी, तो लगा जैसे ईश्वर ने हमें वहीं, उसी पल एक उद्देश्य दिया हो।

उसी फ्लाइट में मौजूद डॉक्टर अरिफ अब्दुल खदीर ने भी मदद की। उन्होंने यात्री को IV फ्लूइड दिया और लैंडिंग तक उसकी हालत पर नजर रखी। विमान के अबू धाबी में उतरने के बाद मेडिकल टीम ने यात्री को तत्काल इलाज दिया। बाद में उसकी हालत स्थिर बताई गई।

अजीश ने कहा, यह हमारी पहली विदेश यात्रा थी, और उससे पहले ही हमने एक जान बचाई। इससे बेहतर स्वागत क्या हो सकता है। दोनों नर्स पहले भारत में स्टाफ नर्स के रूप में काम कर चुके थे और अब यूएई की प्रतिष्ठित इमरजेंसी सर्विस Response Plus Medical में शामिल होने जा रहे थे।

कंपनी ने किया सम्मान
घटना की जानकारी मिलते ही RPM ने दोनों नर्सों को सम्मानित किया। कंपनी के CEO डॉ. रोहिल राघवन ने कहा, अभिजीत और अजीश ने जो किया, वह RPM के असली जज़्बे को दर्शाता है, अस्पताल से बाहर भी जब किसी की जान दांव पर हो, तो वही हिम्मत और पेशेवर दक्षता सबसे बड़ा फर्क पैदा करती है। यात्री के परिवार ने भावुक होकर कहा, हम इन्हें जीवनभर धन्यवाद नहीं कह पाएंगे। ये हमारे लिए अजनबी थे, लेकिन इन्होंने हमारे अपने को नई जिंदगी दी।

 

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