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सुरजकुंड मेला 2026: जहां झलकती है भारत की रचनात्मक आत्मा

पिछले साल आयोजित 38वें मेले में 44 से अधिक देशों के 635 विदेशी कलाकारों ने भाग लिया था, जिससे यह आयोजन एक सच्चे अर्थों में वैश्विक सांस्कृतिक उत्सव बन गया।

सुरजकुंड मेला 2026 / x@@HCI_London

भारत की समृद्ध परंपराओं, कला, और संस्कृति को एक ही मंच पर अनुभव करने का मौका एक बार फिर मिलने वाला है। हरियाणा के फरीदाबाद स्थित सुरजकुंड में 39वां अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला अगले साल 31 जनवरी से 15 फरवरी 2026 तक आयोजित किया जाएगा।

यह मेला न सिर्फ भारत बल्कि दुनिया के कई देशों के कलाकारों, शिल्पकारों और सांस्कृतिक समूहों को एक साथ लाता है। इसे भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, वस्त्र मंत्रालय, भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) और हरियाणा सरकार के संयुक्त प्रयास से आयोजित किया जाता है।

पिछले साल आयोजित 38वें मेले में 44 से अधिक देशों के 635 विदेशी कलाकारों ने भाग लिया था, जिससे यह आयोजन एक सच्चे अर्थों में वैश्विक सांस्कृतिक उत्सव बन गया। हरियाणा सरकार ने अब 39वें संस्करण के लिए भी सांस्कृतिक समूहों (लगभग 10-15 सदस्यों वाले) और हस्तशिल्पकारों/कला-शिल्प विशेषज्ञों को आमंत्रित किया है जो अपनी कला और परंपरा को इस मेले में प्रदर्शित करना चाहते हैं। यह मंच कलाकारों को न केवल अपनी कला दिखाने का अवसर देता है, बल्कि भारत की लोक-संस्कृति, लोककला और पारंपरिक हुनर को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने में भी मदद करता है।

सुरजकुंड मेला प्राधिकरण प्रतिभागियों के लिए फ्री बोर्डिंग, लॉजिंग और दिल्ली एयरपोर्ट से मेले स्थल तक आने-जाने की व्यवस्था करेगा। हालांकि प्रतिभागियों को यह ध्यान रखना होगा कि हवाई यात्रा, कस्टम ड्यूटी, भारत में अन्य यात्रा खर्च, सामान का बीमा (जैसे चोरी या नुकसान की स्थिति में) और कोई प्रोफेशनल फीस का वहन स्वयं प्रतिभागियों को करना होगा।

जो सांस्कृतिक दल, कलाकार या शिल्पकार इसमें हिस्सा लेना चाहते हैं, वे अपना प्रस्ताव ईमेल के माध्यम से ssculture.london@mea.gov.in भेज सकते हैं।

बता दें कि हरियाणा का सुरजकुंड मेला वर्षों से भारत की सांस्कृतिक विविधता, हस्तकला की निपुणता और लोकजीवन की आत्मा को जीवंत करता आया है। 2026 का यह आयोजन न केवल कलाकारों के लिए एक सुनहरा अवसर है, बल्कि दर्शकों के लिए भी यह एक ऐसी यात्रा है जहां हर स्टॉल, हर नृत्य, हर रंग और हर सुर भारत की आत्मा की कहानी कहता है।

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