विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने गुरुवार को कहा कि भारत अमेरिका का एक सहयोगी और रणनीतिक साझेदार है लेकिन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प रूस से तेल खरीदना जारी रखने के कारण उससे निराश हैं क्योंकि इससे रूस को यूक्रेन में युद्ध जारी रखने में मदद मिलती है।
रुबियो ने फॉक्स रेडियो के ब्रायन किल्मेडे से कहा- देखिए, जहां तक वैश्विक व्यापार की बात है तो भारत एक सहयोगी है। यह एक रणनीतिक साझेदार है। विदेश नीति में किसी भी चीज की तरह आप हर चीज पर 100 प्रतिशत एकमत नहीं हो सकते। गुरुवार को विदेश विभाग द्वारा जारी की गई इस रिपोर्ट की प्रतिलिपि के अनुसार, रुबियो ने यह बात कही।
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत की ऊर्जा जरूरतें बहुत बड़ी हैं और इसमें तेल, कोयला, गैस तथा अपनी अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए जरूरी चीजें खरीदने की क्षमता शामिल है। जैसा कि हर देश करता है और वह इसे रूस से खरीदता है क्योंकि रूसी तेल प्रतिबंधित है और सस्ता है। उन्हें ऐसा करना ही पड़ता है। कई मामलों में प्रतिबंधों के कारण वे इसे वैश्विक कीमत से कम पर बेच रहे हैं।
शीर्ष अमेरिकी राजनयिक ने बिना किसी और विस्तार के कहा कि दुर्भाग्य से, इससे रूसी युद्ध प्रयासों को जारी रखने में मदद मिल रही है। इसलिए, यह निश्चित रूप से भारत के साथ हमारे संबंधों में एक खिन्नता का विषय है। मगर खिन्नता का एकमात्र बिंदु नहीं। उनके साथ हमारे सहयोग के कई अन्य बिंदु भी हैं।
रुबियो ने कहा- मुझे लगता है कि आप राष्ट्रपति को जो व्यक्त करते हुए देख रहे हैं, वह स्पष्ट रूप से उनकी हताशा है कि इतने सारे अन्य तेल विक्रेता उपलब्ध होने के बावजूद भारत रूस से इतना अधिक तेल खरीद रहा है, जो वास्तव में युद्ध प्रयासों के वित्तपोषण में मदद कर रहा है... और यूक्रेन में इस युद्ध को जारी रहने दे रहा है।
एक दिन पहले, ट्रम्प ने ट्रुथ सोशल पर घोषणा की थी कि भारत पर 1 अगस्त से 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया जाएगा। राष्ट्रपति ने ट्रुथ सोशल पर घोषणा की- इसलिए, भारत को 1 अगस्त से 25% टैरिफ और उपरोक्त के लिए जुर्माना देना होगा।
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