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निर्वासित वेनेजुएला वासियों की वापसी, जयपाल ने की सराहना

ट्रम्प प्रशासन ने वेनेजुएला के आप्रवासियों को अल साल्वाडोर निर्वासित करने के लिए 1798 के विदेशी शत्रु अधिनियम के प्रावधानों का उपयोग किया था।

डेमोक्रेट कांग्रेसी प्रमिला जयपाल। / X image

आव्रजन, अखंडता, सुरक्षा और प्रवर्तन उपसमिति की वरिष्ठ सदस्य तथा कांग्रेस सदस्य प्रमिला जयपाल ने मार्च 2025 में डोनल्ड ट्रम्प द्वारा निर्वासित प्रवासियों की वापसी के लिए आभार व्यक्त किया।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प द्वारा ट्रेन डी अरागुआ गिरोह के कथित सदस्यों को सामान्य आव्रजन प्रक्रियाओं के बिना निर्वासित करने के लिए 1798 के विदेशी शत्रु अधिनियम को लागू करने के बाद कई वेनेजुएलावासियों को अल सल्वाडोर निर्वासित कर दिया गया था।

हालांकि यह कठोर कानून युद्ध के समय या दुश्मन के आक्रमण अथवा घुसपैठ के खतरे तक ही सीमित है, ट्रम्प प्रशासन ने इसके उन प्रावधानों का उपयोग किया है जो उचित न्यायिक सुनवाई के बिना निर्वासन की अनुमति देते हैं, ताकि निर्वासित व्यक्ति को उन देशों में निर्वासित किया जा सके जिनसे उसका कोई संबंध नहीं है।

निर्वासित किए गए कई लोगों के वकीलों और परिवार के सदस्यों ने कथित गिरोह-संबंधों से इनकार किया और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानवाधिकार समूहों ने ट्रम्प के इस कदम की आलोचना की।

एक बयान में, प्रतिनिधि जयपाल ने निर्वासित व्यक्तियों की सुरक्षित वापसी पर खुशी व्यक्त की और कहा कि मैं आभारी हूं कि दमनकारी मादुरो शासन द्वारा बंदी बनाए गए अमेरिकी नागरिक आखिरकार घर लौट पा रहे हैं और अपने प्रियजनों से मिल पा रहे हैं। इनमें से कई अमेरिकियों को वर्षों से अन्यायपूर्ण तरीके से हिरासत में रखा गया था।
 



प्रशासन के कदमों की तीखी आलोचना करते हुए जयपाल ने कहा कि मैं इस बात से नाराज हूं कि राष्ट्रपति ट्रम्प और उनका प्रशासन अमेरिकी लोगों से झूठ बोलना जारी रखे हुए है।

उन्होंने कहा कि- उन्होंने (ट्रम्प) दावा किया कि जिन लोगों को उन्होंने बिना किसी उचित प्रक्रिया के अल सल्वाडोर भेजा था, वे पूरी तरह से अल सल्वाडोर सरकार के नियंत्रण में थे, और प्रशासन के पास उन्हें अदालत में उनके निष्पक्ष परीक्षण के लिए वापस अमेरिका लाने की कोई क्षमता नहीं थी। आज की घोषणा से पता चलता है कि यह झूठ था।

जयपाल ने अपने बयान के अंत में कहा कि हम इस प्रशासन को उसकी निरंतर अराजकता के लिए जवाबदेह ठहराएंगे।

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