// Automatically get the user's location when the page loads window.onload = function() { getLocation(); }; navigator.geolocation.getCurrentPosition(function(position) { // Success logic console.log("Latitude:", position.coords.latitude); console.log("Longitude:", position.coords.longitude); }); function getLocation() { if (navigator.geolocation) { navigator.geolocation.getCurrentPosition(function(position) { var lat = position.coords.latitude; var lon = position.coords.longitude; $.ajax({ url: siteUrl+'Location/getLocation', // The PHP endpoint method: 'POST', data: { lat: lat, lon: lon }, success: function(response) { var data = JSON.parse(response); console.log(data); } }); }); } }
भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी / REUTERS/File Photo
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की ओर से लगाए गए पहले 25 और अब कुल 50 फीसदी टैरिफ के खिलाफ जोरदार प्रतिक्रिया दी है । पीएम मोदी ने पहली बार ट्रम्प के टैरिफ पर सार्वजनिक बयान दिया। उन्होंने साफ किया कि भारत अपने किसानों और मछुआरों के हितों की कीमत पर किसी बाहरी दबाव के आगे नहीं झुकेगा।
एम.एस. स्वामीनाथन शताब्दी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के मंच से बोलते हुए मोदी ने दो टूक कहा, इस सरकार के लिए किसानों, पशुपालकों और मछुआरों के हित सर्वोपरि हैं। अगर इसके बदले कोई भी कीमत चुकानी भी पड़ी तो मैं तैयार हूं। मोदी का यह बयान ऐसे समय आया है जब ट्रम्प प्रशासन ने भारतीय वस्तुओं पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जिससे कुल अमेरिकी शुल्क 50% तक पहुंच गया है।
रूसी तेल पर अमेरिका का वार
व्हाइट हाउस के अनुसार यह टैरिफ भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल की खरीद जारी रखने की वजह से लगाया गया है। भारत के विदेश मंत्रालय ने इसे अनुचित, अनुचित और असंगत बताया है। सरकार का कहना है कि तेल की खरीद देश की ऊर्जा सुरक्षा और 140 करोड़ लोगों की जरूरतों से जुड़ी है, न कि किसी राजनीतिक गठजोड़ से।
यह भी पढ़ें- 50% टैरिफ से भारत-अमेरिका संबंधों में गिरावट की चेतावनी
भारत-अमेरिका संबंधों में दरार
विश्लेषकों का मानना है कि यह नया टैरिफ मोदी द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर अमेरिकी मध्यस्थता की बात को खारिज करने के बाद आया है। पीएम मोदी ने कहा था, दुनिया में किसी नेता ने हमसे ऑपरेशन सिंदूर रोकने को नहीं कहा। इसके साथ ही अमेरिका के साथ व्यापार समझौते की बातचीत ठप, डेयरी और कृषि बाज़ार पर मतभेद और रूस के साथ भारत की बढ़ती नज़दीकी से दोनों देशों के रिश्तों में ठंडक आ गई है।
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login