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मोदी ने दिल्ली में हुए विस्फोट को बताया ‘साजिश’

मोदी ने कहा कि कि मैं सभी को आश्वस्त करता हूं कि एजेंसियां इस पूरी साजिश की जड़ तक पहुंचेंगी।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी / Images : Narendra Modi

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 नवंबर को राजधानी के बीचोंबीच हुए घातक कार विस्फोट को एक साजिश करार दिया और कहा कि इसके जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा। हालांकि पुलिस ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि घटना के पीछे का वास्तविक कारण क्या था। अप्रैल के अंत में कश्मीर के पर्यटक स्थल पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद का यह सबसे बड़ा हादसा है।

मोदी ने पड़ोसी देश भूटान की राजकीय यात्रा के दौरान अपने भाषण में कहा कि मैं सभी को आश्वस्त करता हूं कि एजेंसियां इस पूरी साजिश की जड़ तक पहुंचेंगी। जो भी इसमें शामिल है उसे न्याय के दायरे में लाया जाएगा।

भारतीय अधिकारियों ने अब तक इस विस्फोट को हमला नहीं कहा है। अधिकारियों का कहना है कि वे फॉरेंसिक विश्लेषण की प्रतीक्षा कर रहे हैं। हालांकि 11 नवंबर को गृह मंत्रालय ने कहा कि भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) इस जांच का नेतृत्व कर रही है।

10 नवंबर को यह विस्फोट उस समय हुआ जब भारतीय पुलिस ने कुछ घंटे पहले ही एक गिरोह को गिरफ्तार करने और विस्फोटक सामग्री व असॉल्ट राइफल्स जब्त करने की जानकारी दी थी। पुलिस ने बताया कि इन लोगों के संबंध पाकिस्तान-आधारित इस्लामिक समूह जैश-ए-मोहम्मद और अल-कायदा का कश्मीरी सहयोगी संगठन अंसार गजवात-उल-हिंद से हैं। दोनों समूह भारत में आतंकी संगठनों की सूची में शामिल हैं।

गृह मंत्री अमित शाह ने विस्फोट के बाद सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता करने के बाद कहा कि उन्होंने अधिकारियों को आदेश दिया है कि इस घटना के पीछे हर एक दोषी को खोजकर पकड़ा जाए।

उन्होंने आगे जोड़ा कि इस कृत्य में शामिल हर व्यक्ति को हमारी एजेंसियों के पूरे प्रकोप का सामना करना पड़ेगा।

‘लोग जल रहे थे’

नई दिल्ली के डिप्टी चीफ फायर ऑफिसर ए.के. मलिक ने विस्फोट के तुरंत बाद एएफपी को बताया कि आठ लोगों की मौत हो गई है। प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (PTI) ने 11 नवंबर को रिपोर्ट किया कि मृतकों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है, हालांकि इस आंकड़े की अभी पुष्टि नहीं हुई है।

प्रत्यक्षदर्शियों ने एएफपी को बताया कि कार ट्रैफिक में विस्फोट हुई और लपटों में फंसे लोग आग की लपटों में झुलस गए।

27 वर्षीय धर्मेन्द्र धागा ने कहा कि लोगों के शरीर में आग लगी हुई थी और हम उन्हें बचाने की कोशिश कर रहे थे। कारें और लोग जल रहे थे और कारों के अंदर बैठे लोग भी जल रहे थे। उन्होंने आगे कहा कि मैं लोगों से कह रहा था कि उन्हें बचाओ, निकालो लेकिन जनता वीडियो और फोटो बनाने में व्यस्त थी।

दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में विस्फोट के बाद अफरा-तफरी मच गई। घायलों को लगातार लाया जा रहा था और डॉक्टर तेजी से उनका इलाज कर रहे थे।

पहलगाम हमले से तुलना

अप्रैल में पहलगाम में हुए हमले में भारतीय अधिकारियों ने तुरंत पाकिस्तान पर आरोप लगाया था कि वह हमलावरों को समर्थन दे रहा है। उस हमले के बाद मई में दोनों देशों के बीच झड़पें भड़क उठीं जिसमें मिसाइल, ड्रोन और तोपखाने की अदला-बदली में 70 से अधिक लोग मारे गए। इसके बाद एक संघर्षविराम समझौता हुआ।

11 नवंबर को इस्लामाबाद में एक आत्मघाती हमले में कम से कम 12 लोगों की मौत के बाद, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने आरोप लगाया कि यह भारत द्वारा समर्थित आतंकवादी प्रॉक्सी हैं। उन्होंने अपने दावे के समर्थन में कोई सबूत नहीं दिया और नई दिल्ली की ओर से कोई तत्काल प्रतिक्रिया नहीं आई।

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