भारतीय सुरक्षा बल / REUTERS/Stringer
भारतीय सुरक्षा बलों ने छह माओवादी को गोली मारकर ढेर कर दिया है। पुलिस ने 11 नवंबर को यह जानकारी दी। यह घटना उन हफ्तों बाद हुई जब माओवादियों ने अपनी दशकों पुरानी बगावत को रोकने की घोषणा की थी।
भारत सरकार ने माओवादी विद्रोह को मार्च 2026 तक पूरी तरह समाप्त करने की कसम खाते हुए एक व्यापक अभियान शुरू कर दिया है। यह मुठभेड़ छत्तीसगढ़ राज्य के बीजापुर जिले में हुई।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सुंदरराज पट्टीलिंगम ने एएफपी को फोन पर बताया कि अब तक हमें जंगल से छह माओवादियों के शव बरामद हुए हैं जो सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए।
उन्होंने कहा कि पुलिस ने एक संयुक्त अभियान चलाया और मुठभेड़ के दौरान छह माओवादी मारे गए। इनके पास से बड़ी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद किए गए हैं जिनमें हाई-क्वालिटी हथियार भी शामिल हैं।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि वरिष्ठ कमांडर भी इस मुठभेड़ में मारे गए हैं लेकिन उन्होंने और अधिक विवरण देने से इनकार किया। यह हिंसा तब हुई जब करीब दो महीने पहले माओवादियों ने अपने सशस्त्र संघर्ष को निलंबित करने और सरकार से बातचीत का प्रस्ताव देने की घोषणा की थी।
गृह मंत्री अमित शाह ने अक्टूबर 2025 में कहा था कि जो आत्मसमर्पण करना चाहते हैं उनका स्वागत है और जो अब भी बंदूक उठाए हुए हैं उन्हें हमारी सेनाओं के प्रकोप का सामना करना पड़ेगा।
1967 में कुछ ग्रामीणों द्वारा अपने जमींदारों के खिलाफ विद्रोह करने के बाद से इस संघर्ष में 12,000 से अधिक विद्रोही, सैनिक और नागरिक मारे जा चुके हैं।
आपको बता दें कि माओवादी की बगावत 2000 के दशक के मध्य में चरम पर थी। ये देश के लगभग एक-तिहाई हिस्से पर नियंत्रण रखते थे और इनके पास 15,000 से 20,000 लड़ाके होने का अनुमान था। लेकिन हाल के वर्षों में यह आंदोलन काफी कमजोर हो गया है।
अक्टूबर 2025 में सरकार ने कहा था कि दो दिनों में 250 से अधिक माओवादी विद्रोहियों ने आत्मसमर्पण किया था। इनमें वरिष्ठ नेता मल्लोजुला वेंगोपाल राव भी शामिल थे।
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