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नौकरी का लालच देकर बुलाया फिर साइबर फ्रॉड कराने लगे, लंबे समय से फंसे 47 भारतीय आजाद

लाओस स्थित भारतीय दूतावास ने बताया कि अब तक ऐसी ही परिस्थितियों में फंसे 635 भारतीयों को बचाने में सफलता मिल चुकी है और उन्हें सुरक्षित भारत भेजा जा चुका है।

लाओस में भारतीय राजदूत प्रशांत अग्रवाल ने बचाए गए भारतीयों को मदद का भरोसा दिलाया। / X @IndianEmbLaos

दक्षिण पूर्वी एशियाई देश लाओस में लंबे समय से साइबर फ्रॉड सेंटरों में फंसे भारतीयों को आजाद कराने में भारत सरकार को बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। लाओस स्थित भारतीय दूतावास ने बताया कि देश के बोको प्रांत में साइबर क्राइम सेंटरों में जबरन रोककर रखे गए 47 भारतीयों को मुक्त करा लिया गया है। 

लाओस स्थित भारतीय दूतावास की तरफ से शनिवार को एक्स पर जारी बयान में बताया गया कि अब तक दूतावास ऐसी ही परिस्थितियों में फंसे 635 भारतीयों को बचाने में सफलता हासिल कर चुका है और उनकी सुरक्षित भारत वापसी का इंतजाम कर चुका है।



वियनतियाने में भारतीय दूतावास द्वारा जारी बयान में कहा गया कि शनिवार को बचाए गए 47 लोगों में से 29 को लाओस के अधिकारियों ने बोको में गोल्डन ट्रायंगल स्पेशल इकनोमिक जोन में अवैध गतिविधियों पर कार्रवाई के बाद दूतावास को सौंप दिया। बाकी 18 अन्य ने संकट के समय दूतावास से संपर्क करके मदद मांगी थी। 

बयान में बताया गया कि दूतावास के अधिकारियों ने भारतीय नागरिकों को बचाने के उद्देश्य से स्थानीय अधिकारियों को समझाने के लिए राजधानी वियनतियाने से बोकेओ की यात्रा की थी। लाओस में भारतीय राजदूत प्रशांत अग्रवाल ने वियनतियाने पहुंचने पर रेस्क्यू किए गए भारतीय ग्रुप से मुलाकात की और उनकी परेशानियों के बारे में पूछकर समाधान बताया।

अग्रवाल ने कहा कि संकट में फंसे भारतीयों के मदद के अनुरोध पर दूतावास द्वारा तत्काल कदम उठाए जाते हैं और उचित सहायता प्रदान की जाती है। दूतावास ने अब तक 635 भारतीयों को बचाया है और उनकी सुरक्षित भारत वापसी कराई है। इसके लिए हम लाओस के अधिकारियों को धन्यवाद देते हैं। 

ऐसा माना जाता है कि सैकड़ों की संख्या में भारतीय नागरिक लाओस, कंबोडिया और थाईलैंड में साइबर फ्रॉड करने वाले गिरोहों के चंगुल में फंसे हुए हैं। ये लोग आकर्षक नौकरी का लालच देकर उन्हें लुभाते हैं और फिर अपने यहां बुलाकर जबरन साइबर फ्रॉड करवाते हैं। 

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पिछले महीने वियनतियाने में आसियान की बैठक के इतर लाओस, कंबोडिया और थाईलैंड के अपने समकक्षों के साथ कई बैठकें की थीं और साइबर फ्रॉड सेंटरों द्वारा भारतीय नागरिकों की तस्करी पर चर्चा की थी। 
 

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