3 अक्टूबर की दोपहर, राकेश एहगाबन अपने होटल से बाहर निकले, जैसे रोजमर्रा की आदत हो। उन्होंने पास से गुजर रहे एक व्यक्ति से पूछा, तुम ठीक हो ना? बस कुछ ही पल बाद उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई। 51 वर्षीय राकेश भारतीय मूल के आप्रवासी थे और पेंसिल्वेनिया में कई साल से रहते थे।
राकेश की मौत ने न केवल पिट्सबर्ग, बल्कि पूरे उत्तर अमेरिकी भारतीय समुदाय में सदमा फैला दिया। पुलिस के मुताबिक, हत्यारे ने पहले एक महिला को गोली मारी थी और फिर राकेश पर हमला कर दिया।
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विदेशों में भारतीयों पर हिंसा बढ़ रही है
भारत के विदेश मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि विदेशों में भारतीयों के खिलाफ हिंसा लगातार बढ़ रही है। 2021 से 2023 के बीच 28,000 से अधिक भारतीयों की मृत्यु विदेशों में हुई, जिनमें से 136 की मौत सीधे हिंसा के कारण हुई। 2023 में 86 हमले दर्ज किए गए, जो 2022 के 57 और 2021 के 29 से काफी अधिक हैं। 2025 के मध्य तक यह संख्या 100 से अधिक हो गई थी।
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