फाइल फोटो / REUTERS/Priyanshu Singh/File Photo
भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो ने कहा है कि हजारों उड़ानें रद्द होने और कई दिनों तक एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी मचने के बाद उसकी संचालन व्यवस्था अब फिर से सामान्य हो गई है। उड़ानें रद्द होने की वजह पायलटों के लिए लागू की गई नई ड्यूटी-रेस्ट नीति थी जिसे बाद में स्थगित कर दिया गया।
इंडिगो ने एक बयान में कहा कि हमारा ऑन-टाइम परफॉर्मेंस अब सामान्य स्तर पर लौट आया है। कंपनी ने बताया कि उसने 9 दिसंबर को 1,800 से अधिक उड़ानें संचालित कीं और 10 दिसंबर को करीब 1,900 उड़ानें संचालित करने की योजना है।
लेकिन इसी बीच भारत के विमानन नियामक DGCA ने इंडिगो को आदेश दिया कि वह अपनी नियोजित उड़ानों में 5% की कटौती करे क्योंकि एयरलाइन अपने तय शेड्यूल को कुशलतापूर्वक संचालित करने में सक्षम नहीं दिखी है।
पिछले सप्ताह देश के कई एयरपोर्ट्स पर भारी अव्यवस्था देखने को मिली। इंडिगो ने स्वीकार किया कि नई पायलट-रेस्ट नीति अपनाने के दौरान गलत अनुमान और योजना में कमियों के कारण संचालन बाधित हुआ जबकि इस बदलाव के लिए उसे दो साल की तैयारी का समय मिला था। नई नीति पिछले महीने लागू हुई थी। इसका उद्देश्य पायलटों को अधिक आराम देना और उड़ान सुरक्षा को मजबूत करना था।
नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने पिछले सप्ताह कहा था कि नई ड्यूटी-टाइम लिमिटेशन नियमों को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। नायडू ने 9 दिसंबर को संसद में बताया कि इस पूरी गड़बड़ी की विस्तृत जांच शुरू हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि कोई भी एयरलाइन चाहे वह कितनी भी बड़ी क्यों न हो, योजना में चूक, नियमों का पालन न करने या कानून की अनदेखी करके यात्रियों को परेशानी नहीं दे सकती। नागरिक उड्डयन में सुरक्षा बिल्कुल समझौता-रहित है।
इंडिगो के लिए यह संकट उसके इतिहास की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। यह एयरलाइन अपनी समयपालन छवि के लिए जानी जाती है। भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते विमानन बाजारों में है और पिछले महीने देश में पहली बार 5 लाख दैनिक हवाई यात्रियों का आंकड़ा पार हुआ है।
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