अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने नई दिल्ली में मुख्य वार्ताकार राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में भारतीय व्यापार अधिकारियों से मुलाकात की। इस अहम बैठक में का नेतृत्व दक्षिण और मध्य एशिया के लिए सहायक अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच ने किया। बैठक के बाद एक बायन जारी कर दिल्ली ने कहा कि भारत और अमेरिका के अधिकारियों के बीच मंगलवार को हुई व्यापार वार्ता "सकारात्मक" और "भविष्यदर्शी" रही।
भारत पर यूएस की ओर से टैरिफ वृद्धि के बाद यह एक अहम द्विपक्षीय वार्ता है। इससे पहले रूसी तेल आयात पर टैरिफ वृ्द्धि के बाद राष्ट्रपति ट्रम्प के रुख में बदलाव देखा गया। उन्होंने भारत के साथ सौहार्दपूर्ण रुख अपनाने की बात कही थी।
दोनों देशों के बीच हालिया बैठक को लेकर भारत के वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार समझौते को शीघ्रता से संपन्न करने के प्रयासों को तेज करने का निर्णय लिया गया।"
हालांकि, अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि बैठक में क्या समहमति बनी। दावा किया जा रहा है कि ट्रम्प प्रशासन की रूसी तेल खरीद में कटौती करने की मांग, कृषि और डेयरी क्षेत्र को अमेरिकी कंपनियों के लिए खोलने पर अहम वार्ता हुई।
बता दें कि राष्ट्रपति ट्रम्प ने पिछले महीने 27 अगस्त से भारतीय आयातों पर 25% का दंडात्मक शुल्क लगाया था, जिससे कुल टैरिफ दोगुना होकर 50% हो गया था।
वही भारत द्वारा अपने विशाल कृषि और डेयरी बाजारों को खोलने की अमेरिकी मांगों का विरोध करने के कारण वार्ता ठप हो जाने के बाद 25-29 अगस्त तक नई दिल्ली में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की प्रस्तावित यात्रा रद्द कर दी गई थी।
व्यापार मंत्रालय के सोमवार के आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका को भारत का निर्यात जुलाई के 8.01 अरब डॉलर से अगस्त में घटकर 6.86 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच चुका है।
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