अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा 1 अगस्त से भारत से आने वाले सभी उत्पादों पर 25 प्रतिशत टैरिफ और रूस से तेल व सैन्य उपकरण खरीदने पर अतिरिक्त दंड की घोषणा के एक दिन बाद, भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को संसद में स्पष्ट किया कि सरकार राष्ट्रीय हितों की रक्षा और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए हर जरूरी कदम उठाएगी।
संसद के दोनों सदनों में दिए गए अपने वक्तव्य में गोयल ने कहा कि सरकार इन टैरिफों के प्रभावों का मूल्यांकन कर रही है और सभी हितधारकों, निर्यातकों और उद्योग से फीडबैक ले रही है।
गोयल ने कहा, "सरकार किसानों, श्रमिकों, उद्यमियों, निर्यातकों, एमएसएमई और उद्योग के सभी वर्गों के कल्याण की रक्षा और उसे बढ़ावा देने को अत्यधिक महत्व देती है। हम अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा और उन्हें मजबूत करने के लिए हर आवश्यक कदम उठाएंगे।"
राष्ट्रपति ट्रम्प की यह घोषणा ऐसे समय आई है जब अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधिमंडल 25 अगस्त से भारत के दौरे पर आ रहा है, जहां प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर छठे दौर की बातचीत होनी है।
भारत ने कृषि और डेयरी क्षेत्र में अमेरिकी मांगों के प्रति अपना रुख सख्त कर लिया है। भारत ने अब तक किसी भी मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) में डेयरी सेक्टर को नहीं खोला है। देश के लगभग 70 करोड़ ग्रामीण लोग कृषि पर निर्भर हैं, जिससे यह एक अत्यधिक संवेदनशील राजनीतिक क्षेत्र है। साथ ही, आयात शुल्क कम करने से खाद्य सुरक्षा को भी खतरा हो सकता है।
भारत और अमेरिका मार्च 2025 से द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य 2030 तक वस्तुओं और सेवाओं में द्विपक्षीय व्यापार को वर्तमान 191 अरब डॉलर से बढ़ाकर 500 अरब डॉलर करना है। अभी तक पांच दौर की बातचीत हो चुकी है।
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