राजनाथ सिंह (फाइल फोटो) / Wikipedia
भारत के रक्षा निर्यात नए आयाम छूने की ओर हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि देश मार्च 2026 तक 30,000 करोड़ रुपये (3.6 अरब डॉलर) के रक्षा निर्यात का लक्ष्य हासिल कर लेगा। उन्होंने इस उपलब्धि का श्रेय स्वदेशी हथियार प्रणालियों के प्रभावी उपयोग और ऑपरेशन सिंदूर जैसी सफल सैन्य कार्रवाइयों को दिया, जिसने भारत की वैश्विक साख को मजबूत किया है।
नई दिल्ली में आयोजित सोसाइटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स (SIDM) के वार्षिक सत्र को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि 'ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा आकाश मिसाइल, ब्रह्मोस और आकाशतीर एयर डिफेंस कंट्रोल सिस्टम जैसी स्वदेशी प्रणालियों का प्रयोग किया गया। इससे न केवल भारत की परिचालन क्षमता प्रदर्शित हुई, बल्कि हमारे रक्षा उत्पादों की अंतरराष्ट्रीय मांग भी बढ़ी।'
उन्होंने बताया कि भारत का रक्षा उत्पादन 2014 में जहां 46,000 करोड़ रुपये था, वहीं अब यह बढ़कर 1.51 लाख करोड़ रुपये (18.1 अरब डॉलर) हो गया है। निजी क्षेत्र ने इसमें 33,000 करोड़ रुपये का योगदान दिया है। इसी अवधि में रक्षा निर्यात 1,000 करोड़ रुपये से बढ़कर करीब 24,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। राजनाथ सिंह ने कहा, 'हमारा लक्ष्य भारत को ‘मेड इन इंडिया, मेड फॉर द वर्ल्ड’ के मॉडल पर आगे बढ़ाना है।'
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आत्मनिर्भर भारत के केंद्र में रक्षा निर्यात
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत अब केवल रक्षा उत्पादों का असेंबली हब नहीं रहेगा, बल्कि एक वास्तविक विनिर्माण शक्ति बनेगा। उन्होंने निजी क्षेत्र की भागीदारी को अगले तीन वर्षों में 25% से बढ़ाकर 50% करने का आह्वान किया। सिंह ने कहा कि भारत को केवल हथियार नहीं, बल्कि उप-प्रणालियों और कंपोनेंट्स के उत्पादन में भी अग्रणी बनना चाहिए ताकि विदेशी निर्भरता खत्म हो सके।
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