पाकिस्तान-सऊदी अरब के बीच रणनीतिक रक्षा समझौते भारत अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ-साथ क्षेत्रीय एवं वैश्विक स्थिरता पर इस समझौते के प्रभावों का अध्ययन करेगा। इर बीच एक बयान में विदेश विभाग की ओर से कहा गया कि भारत ने अपने तटस्थ रुख पर अडिग रहते हुए राष्ट्रीय हितों की रक्षा और 'सभी क्षेत्रों में व्यापक राष्ट्रीय सुरक्षा' के लिए प्रतिबद्धता जताई।
सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच समझौते पर हस्ताक्षर की खबरों पर मीडिया के सवालों के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि सरकार अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा और सभी क्षेत्रों में व्यापक राष्ट्रीय सुरक्षा पर जोर दिया।
उन्होंने कहा- इस मामले में अपनी संतुलित प्रतिक्रिया में कहा कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा और ‘सभी क्षेत्रों में व्यापक राष्ट्रीय सुरक्षा’ के लिए प्रतिबद्ध है। 'रणनीतिक पारस्परिक रक्षा समझौते' पर सऊदी अरब के शहजादे मोहम्मद बिन सलमान अब्दुलअजीज अल सऊद और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हस्ताक्षर किए। जबकि शरीफ सऊदी अरब की यात्रा पर थे।
वहीं पाकिस्तान-सऊदी अरब के बीच एक समझौते के बाद एक संयुक्त बयान दिया जिसमें कहा, "दोनों पाकिस्तान और अलरब) देशों में से किसी के भी विरुद्ध किसी भी तरह के हमले को दोनों के विरुद्ध आक्रमण माना जाएगा। दोनों देशों में से किसी के भी विरुद्ध किसी भी तरह के हमले को दोनों के विरुद्ध आक्रमण माना जाएगा।
सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच समझौते पर हस्ताक्षर की खबरों पर मीडिया के सवालों के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि सरकार अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा और सभी क्षेत्रों में व्यापक राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
जायसवाल ने बताया कि सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच हुए रणनीतिक पारस्परिक रक्षा समझौते का भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन करेगा।
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