Pete Hegseth / US Department of War
अमेरिकी युद्ध सचिव पीट हेगसेथ अगले हफ्ते की शुरुआत में इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की यात्रा पर निकलेंगे। यह दौरा अमेरिका की शक्ति के ज़रिए शांति की नीति को रेखांकित करता है। अमेरिकी युद्ध विभाग का कहना है कि यह दौरा सहयोगी देशों पर बढ़ते क्षेत्रीय तनाव के बीच रक्षा खर्च बढ़ाने का संदेश देगा।
हेगसेथ इस यात्रा में हवाई, जापान, मलेशिया, वियतनाम और दक्षिण कोरिया जाएंगे। ये सभी देश अमेरिका की एशिया-प्रशांत सुरक्षा रणनीति के प्रमुख स्तंभ हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इंडो-पैसिफिक अमेरिकी युद्ध विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता वाला क्षेत्र है। इस दौरे का उद्देश्य रक्षा साझेदारियों को मजबूत करना और क्षेत्र में शक्ति संतुलन के प्रति अमेरिका की प्रतिबद्धता को दोहराना है।
हवाई से शुरुआत
हवाई में हेगसेथ यूएस इंडो-पैसिफिक कमांड के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात करेंगे और सैन्य तैयारियों का आकलन करेंगे। यह वही मुद्दा है जिसे उन्होंने इस साल सिंगापुर के शांग्री-ला डायलॉग में अपनी प्रमुख सुरक्षा नीति के रूप में रेखांकित किया था।
जापान में रक्षा आधुनिकीकरण पर जोर
टोक्यो में हेगसेथ का फोकस बढ़ते क्षेत्रीय खतरों के बीच गठबंधन को मजबूत करने पर रहेगा। यह दौरा अमेरिका और जापान के बीच संयुक्त निवारक क्षमताओं यानी joint deterrence को आधुनिक बनाने की दिशा में एक और कदम माना जा रहा है।
मलेशिया में ASEAN बैठक
मलेशिया में वे ASEAN Defence Ministers Meeting Plus (ADMM-Plus) में हिस्सा लेंगे जहां वे दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों और साझेदार राष्ट्रों के साथ क्षेत्रीय सुरक्षा सहयोग को आगे बढ़ाएंगे।
वियतनाम में रक्षा व्यापार पर चर्चा
वियतनाम में उनकी वार्ताएं दोनों देशों के बीच रक्षा व्यापार, प्रशिक्षण और सूचना साझा करने को और गहरा करने पर केंद्रित रहेंगी।
अंतिम पड़ाव — दक्षिण कोरिया
दौरे का समापन सियोल में होगा जहां हेगसेथ 57वीं अमेरिका-दक्षिण कोरिया सुरक्षा परामर्श बैठक की संयुक्त अध्यक्षता करेंगे। इस दौरान वे दक्षिण कोरिया की रक्षा खर्च बढ़ाने और गठबंधन की जिम्मेदारियां साझा करने की प्रतिबद्धता की सराहना करेंगे।
अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि हेगसेथ के स्पष्ट और मजबूत नेतृत्व में विभाग इंडो-पैसिफिक पर फोकस के महत्व को समझता है और अपने सहयोगियों के साथ मिलकर शक्ति के जरिए शांति सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह दौरा ऐसे समय हो रहा है जब वॉशिंगटन चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करने और क्षेत्र में सामूहिक निवारक शक्ति को मजबूत करने की रणनीति पर काम कर रहा है।
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