भारत का पंजाब राज्य में भीषण बाढ़ की चपेट में है। यहां करीब एक हजार गांव जलमग्न हो चुके हैं। ऐसे में बड़ी संख्या में परिवार बेघर हो गए हैं। आपदा पीड़ितों समेत सभी प्रभावित लोगों के लिए राहत शिविर ही ठिकाना है। अब तक यहां करीब 29 लोगों की मौत हो चुकी है। बाढ़ के बीच सेना और आपदा टीमों राहत और बचाव अभियान चला रहे हैं। लोगों को बचाने या भोजन की आपूर्ति के लिए 1,000 से अधिक नावें और 30 हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं।
पंजाब में 1,312 गांवों के 2.56 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, आपदा के चलते अब तक 29 लोगों की मौत हो चुकी है। प्रभावित के इलाकों के लोगों को अपना जरूरी सामान लेकर राहत शिविरों में जाने की अपील की है। इलाज, स्वास्थ्य और रेस्क्यू टीमें पूरी तरह अलर्ट पर हैं। पंजाब के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए स्वास्थ्य विभाग ने 818 मेडिकल टीमें तैनात की हैं, जिनमें 458 रैपिड रिस्पांस टीमें और 360 मोबाइल मेडिकल टीमें शामिल हैं।
पंजाब को अन्न भंडार कहा जाता है लेकिन इस बार बाढ़ ने पूरी तबाही मचा दी है। ऐसे में सीएम मान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे एक पत्र में कहा कि 940 वर्ग किलोमीटर (360 वर्ग मील) से ज़्यादा कृषि भूमि बाढ़ में डूब गई है, जिससे फसलों को भारी नुकसान हुआ है। सीएम मान एक बयान में कहा, "सबसे महत्वपूर्ण बात पानी में फंसे लोगों और असहाय जानवरों की जान बचाना है।"
ऐसे में केंद्र ने पंजाब की पूरी मदद का आश्वासन दिया है। वहीं राष्ट्रीय मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर-पश्चिम भारत में जून से सितंबर तक औसतन एक तिहाई से भी ज्यादा बारिश हुई है। लगातार बारिश के कारण यमुना नदी उफान पर हैं।
बता दें की पंजाब क्षेत्र की नदियां पाकिस्तान में बहती हैं, जहां बाढ़ के पानी ने बड़े पैमाने पर जमीन को अपनी चपेट में ले लिया है। इस बीच एक एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि पंजाब में पशुधन की सबसे अधिक हानि की आशंका है।
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