सांकेतिक तस्वीर / Pexels
एशिया की दो महाशक्तियों के बीच दोबारा हवाई यात्रा शुरू हो चुकी है। 27 अक्टूबर को पांच साल बाद हवाई यात्री भारत से चीन पहुंचे। दोनों देशों के बीच यह कदम रिश्तों को सामान्य बनाने के लिए उठाया गया है।
कोलकाता से इंडिगो की फ्लाइट 6E1703 दक्षिणी चीनी शहर ग्वांगझोउ में स्थानीय समयानुसार सुबह 4 बजे और भारतीय समयानुसार रात 8 बजे के करीब उतरी। इसके साथ ही 2020 से निलंबित सीधी उड़ान सेवा आधिकारिक रूप से बहाल हो गई। यह रोक कोविड महामारी और बाद में बढ़े भू-राजनीतिक तनावों के कारण लगाई गई थी।
हालांकि भारत और चीन अब भी रणनीतिक प्रतिद्वंद्वी हैं और क्षेत्रीय प्रभाव के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं लेकिन 2020 में हिमालयी सीमा पर हुए घातक संघर्ष के बाद से रिश्तों में धीरे-धीरे सुधार आया है। भारत सरकार ने कहा कि उड़ान सेवाओं की बहाली से लोगों के बीच संपर्क बढ़ेगा और द्विपक्षीय संवादों का सामान्यीकरण आसान होगा।
पहली उड़ान के यात्रियों में कई भारतीय कारोबारी भी थे जो सीमा पार व्यापारिक अवसरों की तलाश में चीन जा रहे थे। ग्वांगझोउ एयरपोर्ट पर 44 वर्षीय कोलकाता की इंटीरियर डिजाइनर राशिका मिन्त्री ने कहा कि यह यात्रा बहुत ही सहज, आसान और प्यारी थी। मैं बार-बार आना चाहूंगी।
भारत के लिए यह कूटनीतिक रूप से भी अहम है क्योंकि बीजिंग के साथ गर्मजोशी बढ़ रही है, जबकि वॉशिंगटन के साथ रिश्तों में ठंडक देखी जा रही है। विशेषकर तब जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत पर 50% तक के टैरिफ लगाने का आदेश दिया है। ट्रम्प के सहयोगियों ने भारत पर रूस का तेल खरीदकर यूक्रेन युद्ध को परोक्ष रूप से सहारा देने का आरोप लगाया है।
वर्तमान में भारत और हांगकांग के बीच नियमित उड़ानें पहले से ही चल रही हैं जबकि दिल्ली से शंघाई और ग्वांगझोउ के लिए नई सेवाएं नवंबर से शुरू होंगी। इंडिगो फ्लाइट के कप्तान अभिजीत मुखर्जी ने एएफपी से कहा कि पहले यात्रियों को बैंकॉक या सिंगापुर जैसे हवाई अड्डों से होकर जाना पड़ता था। इन ट्रांसफरों में काफी समय और परेशानी होती थी। लेकिन यह सीधी उड़ान बहुत ही सुचारु रही।
कोलकाता के टांगरा चाइनाटाउन क्षेत्र के सामुदायिक नेता चेन खोई कुई ने कहा कि यह हमारे जैसे लोगों के लिए शानदार खबर है, जिनके रिश्तेदार चीन में रहते हैं। हवाई संपर्क व्यापार, पर्यटन और बिजनेस ट्रैवल को नई गति देगा।
भारत का चीन के साथ बड़ा व्यापार घाटा है क्योंकि भारत की उद्योग और निर्यात वृद्धि के लिए चीन से आने वाले कच्चे माल पर भारी निर्भरता है। बता दें कि दोनों देशों के नेताओं की पिछले साल रूस और इस साल अगस्त में चीन हुई बैठकों के बाद यह नरमी देखने को मिली। सीधी उड़ानें फिर से शुरू होना इस सुधार का पहला कदम माना जा रहा है।
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