ब्राजील में BRICS सम्मेलन में शामिल देशों ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की उस टिप्पणी को सिरे से खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने BRICS को 'एंटी-अमेरिकन' (अमेरिका विरोधी) करार दिया था। ट्रम्प ने धमकी दी थी कि जो देश BRICS से जुड़ेंगे, उन पर अमेरिका 10% अतिरिक्त टैरिफ (शुल्क) लगाएगा।
ट्रम्प की यह धमकी रविवार रात तब आई जब अमेरिका 9 जुलाई की अपनी डेडलाइन से पहले भारत समेत कई देशों के साथ ट्रेड डील फाइनल कर रहा है।
चीन बोला – "दबाव डालने का तरीका नहीं"
बीजिंग से चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने साफ कहा, “टैरिफ को दबाव डालने के हथियार की तरह इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। BRICS किसी के खिलाफ नहीं है, बल्कि 'विन-विन सहयोग' को बढ़ावा देता है।”
दक्षिण अफ्रीका ने भी झटका झाड़ा
दक्षिण अफ्रीका के ट्रेड मिनिस्ट्री के प्रवक्ता कामील अली ने कहा, “हम अमेरिका विरोधी नहीं हैं। हमारी बातचीत अमेरिकी सरकार से रचनात्मक और सकारात्मक रही है।”
बता दें कि अमेरिका ने पहले दक्षिण अफ्रीका पर 30% टैरिफ लगाया था, जिसे बाद में वार्ता के चलते निलंबित कर दिया गया।
रूस ने कहा – 'तीसरे देशों के खिलाफ नहीं'
क्रेमलिन के प्रवक्ता ने बयान दिया कि “BRICS में हमारी भागीदारी साझा वैश्विक सोच पर आधारित है, और यह कभी किसी तीसरे देश के खिलाफ नहीं है।”
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भारत और ब्राजील ने क्या कहा?
भारत और ब्राजील की तरफ से ट्रम्प की धमकी पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा ने कहा कि वह सम्मेलन खत्म होने के बाद ही इस पर टिप्पणी करेंगे। उन्होंने उद्घाटन भाषण में पर्यावरण और सार्वजनिक स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर बात की। एक ब्राजीलियाई राजनयिक ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “ट्रम्प की धमकी दिखाती है कि क्यों BRICS जैसे मंच की जरूरत है, ताकि विकासशील देश वैश्विक व्यापार नियमों में न्याय की मांग कर सकें।”
मलेशिया और इंडोनेशिया की स्थिति
मलेशिया ने कहा कि उसका आर्थिक रुख स्वतंत्र है और वह किसी वैचारिक धड़े में शामिल नहीं है। इंडोनेशिया के सीनियर इकोनॉमिक मिनिस्टर एयरलांगा हार्तार्तो अब अमेरिका रवाना हो रहे हैं, जहां वे टैरिफ वार्ता करेंगे।
बहुपक्षीय कूटनीति की ओर झुकाव
G7 और G20 जैसे मंचों पर गहराते मतभेद और ट्रम्प की 'अमेरिका फर्स्ट' नीति के चलते BRICS अब एक बहुपक्षीय संवाद के सुरक्षित मंच के रूप में सामने आ रहा है। BRICS नेताओं ने रविवार को एक संयुक्त बयान जारी कर ईरान पर हुए बम हमले की निंदा की और कहा कि टैरिफ बढ़ाने की नीति वैश्विक व्यापार के लिए खतरा है।
BRICS का विस्तार और ट्रम्प की चेतावनी
BRICS की शुरुआत 2009 में ब्राजील, रूस, भारत और चीन के साथ हुई थी। बाद में दक्षिण अफ्रीका जुड़ा, और अब इजिप्ट, यूएई, ईथियोपिया, ईरान और इंडोनेशिया जैसे देश सदस्य बन चुके हैं। सऊदी अरब को भी न्योता मिला है, लेकिन उसने अभी सदस्यता स्वीकार नहीं की। अब तक 30 से अधिक देशों ने BRICS में शामिल होने की इच्छा जताई है।
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