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हिंसा की आंच में झुलसे भारत-बांग्लादेश के राजनयिक संबंध, उच्चायोग ने वीजा सेवाएं सस्पेंड कीं

भारतीय विदेश मंत्रालय ने अगरतला में बांग्लादेशी उच्चायोग परिसर में भीड़ के हमले को बेहद खेदजनक बताते हुए कार्रवाई का भरोसा दिलाया था।

बांग्लादेश में इस्कॉन के संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के विरोध में अगरतला में प्रदर्शन हुआ था। / @AsifMahmud36

बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ सांप्रदायिक हिंसा की आंच अब भारत के साथ उसके राजनयिक संबंधों तक पहुंच गई है। त्रिपुरा के अगरतला स्थित बांग्लादेशी सहायक उच्चायोग में भीड़ के हमले के बाद कार्यालय ने वीजा और कॉन्सुलर सेवाएं स्थगित कर दी हैं। 

उधर बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने अगरतला उच्चायोग में हमले के बाद ढाका स्थित भारतीय उच्चायुक्त प्रणय कुमार वर्मा को तलब किया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि उन्हें यहां बुलाकर हमने अपनी चिंताओं से अवगत करा दिया है। वर्मा ने मुलाकात के बाद इसे रुटीन बैठक करार दिया। 

अगरतला में बांग्लादेशी मिशन के फर्स्ट सेक्रेटरी एमडी अल-अमीन ने बताया कि सुरक्षा हालात को देखते हुए अगरतला स्थित बांग्लादेशी सहायक उच्चायोग की वीजा समेत सभी सेवाएं अगले आदेश तक निलंबित कर दी गई हैं। 

बता दें कि बांग्लादेश की सीमा से लगे त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में बांग्लादेश के सहायक उच्चायोग कार्यालय पर प्रदर्शनकारी भीड़ ने हमला कर दिया था। परिसर में घुसकर कथित तौर पर तोड़फोड़ की थी और बांग्लादेशी राष्ट्रीय ध्वज को भी जबरन हटा दिया था। 

बांग्लादेश सरकार ने इस पर कहा था कि हम अगरतला में बांग्लादेश के सहायक उच्चायोग परिसर में सोमवार को हिंदू संघर्ष समिति के प्रदर्शनकारियों के हिंसक प्रदर्शन और हमले की गहरी निंदा करते हैं और तत्काल कार्रवाई की मांग करते हैं। 

इसके बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने अगरतला में बांग्लादेशी उच्चायोग परिसर में भीड़ के हमले को बेहद खेदजनक बताते हुए कार्रवाई का भरोसा दिलाया था। पुलिस ने स्वतः संज्ञान लेते हुए प्राथमिकी दर्ज की है और घटना में कथित रूप से शामिल सात लोगों को गिरफ्तार किया है। तीन पुलिस अधिकारियों को निलंबित भी किया गया है।


 

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