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अमी बेरा ने भारत-अमेरिका संबंधों की मजबूती के लिए पेश किया विधेयक

बेरा के अलावा श्री थानेदार, राजा कृष्णमूर्ति और सुहास सुब्रमण्यम सहित भारतीय अमेरिकी सांसदों ने भी विधेयक को सह-प्रायोजित किया है।

भारतीय अमेरिकी कांग्रेसी अमी बेरा और भारत तथा अमेरिका के झंडे। / Wikimedia commons

भारतीय मूल के डेमोक्रेटिक कांग्रेसी अमी बेरा ने संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के बीच ऐतिहासिक साझेदारी के रणनीतिक मूल्य को मान्यता देते हुए एक द्विदलीय प्रस्ताव पेश किया है जिसमें दोनों स्वाभाविक सहयोगियों के बीच दशकों पुरानी मित्रता पर प्रकाश डाला गया।

रिपब्लिकन कांग्रेसी जो विल्सन के साथ मिलकर बेरा ने दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों के बीच रक्षा, प्रौद्योगिकी, व्यापार, आतंकवाद-निरोध और शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग के इतिहास को रेखांकिय किया है। 

अमेरिकी कांग्रेस के दोनों पक्षों के 24 मूल सह-प्रायोजकों द्वारा हस्ताक्षरित इस प्रस्ताव में घोषणा की गई है कि संयुक्त राज्य अमेरिका-भारत व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी क्षेत्रीय स्थिरता, आर्थिक विकास और वैश्विक सुरक्षा के लिए आवश्यक है।

विधेयक में कहा गया है कि तीन दशकों से भी अधिक समय से, राष्ट्रपति क्लिंटन, बुश, ओबामा, ट्रम्प और बाइडन के प्रशासन के तहत संयुक्त राज्य अमेरिका की नीति भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने की रही है। क्षेत्रीय स्थिरता, लोकतांत्रिक शासन, आर्थिक विकास और साझा क्षेत्रीय प्राथमिकताओं के लिए इसके महत्व को मान्यता देते हुए।

आतंकवाद और साइबर अपराध जैसी चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए नए सिरे से सहयोग को बढ़ावा देने के अलावा, यह विधेयक इस सहयोग में दोनों देशों के लोगों की स्थायी भूमिका पर भी प्रकाश डालता है।

प्रवासी समुदाय के महत्व पर बात करते हुए, बेरा ने एक बयान में कहा कि यह (विधेयक) दोनों देशों के बीच स्थायी जन-जन संबंधों को भी मान्यता देता है, जिन्हें भारतीय अमेरिकी प्रवासी लगातार मजबूत कर रहे हैं।

बेरा के अलावा, श्री थानेदार, राजा कृष्णमूर्ति और सुहास सुब्रमण्यम सहित भारतीय अमेरिकी सांसदों ने भी इस विधेयक का सह-प्रायोजन किया है।

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