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उंगली कटी, भारतीय हेल्थकेयर की फैन बनी अमेरिकी महिला

महिला ने कहा कि अमेरिका में स्वास्थ्य सेवाएं इतनी आसानी से उपलब्ध नहीं होती हैं, जबकि भारत में यह अक्सर सिर्फ एक साइकिल की दूरी पर मुहैया हो जाती हैं।

अमेरिकी महिला क्रिस्टन फिशर / Kristen Fischer via Instagram

दिल्ली में रह रही अमेरिकी महिला का एक सोशल मीडिया पोस्ट वायरल हो गया है। पोस्ट में वह भारतीय स्वास्थ्य सेवाओं को किफायती और सुलभ बताते हुए तारीफ कर रही हैं। उन्होंने अपनी पोस्ट में भारत की स्वास्थ सेवाओं की तुलना अमेरिकी स्वास्थ्य सेवाओं से भी की है।

अमेरिकी महिला क्रिस्टन फिशर एक वेब डेवलपर और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर हैं और उनके इंस्टाग्राम पर 2.55 लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं। फिशर ने अपनी पोस्ट में बताया कि कैसे सब्जियां काटते समय उंगली कट जाने पर उन्हें भारत की स्वास्थ्य व्यवस्था की कीमत और पहुंच का अहसास हुआ।

फिशर ने लिखा कि गहरी चोट लगने पर वह साइकिल से नजदीकी अस्पताल पहुंचीं। इमरजेंसी रूम में डॉक्टर ने उन्हें बताया कि टांके लगाने की जरूरत नहीं है। उनका घाव पट्टी कर दिया गया और उन्हें घर भेज दिया गया। इसके लिए उन्हें सिर्फ 50 रुपये यानी 0.57 डॉलर ही भुगतान करना पड़ा।

इससे फिशर प्रभावित हुईं। उन्होंने पोस्ट में बताया कि वह अस्पताल उनके पड़ोस में था बल्कि इलाज बेहद सस्ता भी था। घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मेरे पड़ोस में एक अस्पताल था जहां तक मैं साइकिल से जा सकती थी। मैं इमरजेंसी रूम पहुंची और वहां कोई इंतजार नहीं करना पड़ा।

उन्होंने तुलना करते हुए कहा कि अमेरिका में स्वास्थ्य सेवाएं इतनी आसानी से उपलब्ध नहीं होती हैं, जबकि भारत में यह अक्सर सिर्फ एक साइकिल की दूरी पर मुहैया हो जाती हैं।

खर्च का अंतर बताते हुए उन्होंने कहा कि मैं करीब 45 मिनट वहां रही और अंत में उन्होंने मुझसे सिर्फ 50 रुपये लिए। इसके उलट उन्होंने बताया कि अमेरिका में अगर आप इमरजेंसी रूम में कदम भी रखते हैं तो आपको कम से कम 2,000 डॉलर का बिल तुरंत मिल जाता है।

फिशर के दावों को विश्व बैंक के स्वास्थ्य व्यय संबंधी आंकड़े भी मजबूती देते हैं। 2022 ग्लोबल हेल्थ एक्सपेंडिचर डेटाबेस के अनुसार अमेरिका में प्रति व्यक्ति स्वास्थ्य व्यय 12,434.43 डॉलर है जबकि भारत में यह सिर्फ 79.52 डॉलर है।

उनके इस पोस्ट पर सोशल मीडिया पर सकारात्मक प्रतिक्रियाएं आईं। इंस्टाग्राम यूजर्स ने भारत में अपने अस्पताल अनुभव साझा किए। एक यूजर ने लिखा कि भारत में ऐसे डॉक्टर हैं जो कई मामलों में मुफ्त इलाज भी कर देते हैं। एक अन्य यूजर ने लिखा कि भारत में मदद बहुतायत में है और यह सिर्फ मदद ही नहीं बल्कि मेडिकल मदद है। यह अद्भुत है और कभी नहीं लगता कि इसके पीछे कोई छिपी शर्त है।

एक और यूजर ने अपने दो दशक पुराने अनुभव का जिक्र करते हुए कहा कि 20 साल पहले मैं भारत में डाइसेंट्री के कारण एक हफ्ते अस्पताल में भर्ती रही थी और कुल बिल 97 डॉलर आया था। अमेरिका में इतने ही इलाज की लागत सोचकर डर लगता है।

 

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