ADVERTISEMENTs

भारत में रूसी तेल आयात बंद होते ही US करेगा व्यापार समझौता: हॉवर्ड लुटनिक

वाणिज्य मंत्री लुटनिक ने एक बार फिर रूसी तेल आयात को लेकर भारत को निशाने पर लिया।

अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक / REUTERS/Leah Millis/File Photo

यूएस टैरिफ वृद्धि के बाद अमेरिका और भारत के बीच तल्ख हुए संबंधों को सुधारने के प्रयास जारी हैं। इस बीच वाणिज्य मंत्री लुटनिक ने एक बार फिर यूएस रूसी तेल आयात को लेकर यूएस के रुख के जिक्र किया। उन्होंने भारत जैसे ही रूसी तेल खरीदना बंद करेगा, अमेरिका उसके साथ व्यापार समझौता कर लेगा।

सीएनबीसी के एक इंटरव्यू में जब उनसे पूछा गया कि उनका सबसे ज्यादा ध्यान किस व्यापार मुद्दे पर है? इस पर लुटनिक ने भारत का जिक्र किया और कहा, "हम भारत के साथ व्यापार समझौते को सुलझा लेंगे, जब वह रूसी तेल खरीदना बंद कर देगा।"

वहीं लुटनिक ने यह भी कहा कि "ताइवान के साथ हमारा एक बड़ा समझौता होने वाला है और स्विट्जरलैंड के साथ भी एक व्यापार समझौता होने की संभावना है। जबकि दक्षिण कोरिया के साथ यूएस ने एक समझौता किया है, लेकिन अभी कागजी कार्रवाई पूरी करना बाकी है।"

हालांकि उन्होंने जॉर्जिया में हुंडई संयंत्र पर आव्रजन छापे के कारण इस सौदे को अंतिम रूप देने में देरी के सवाल का जवाब नहीं दिया। 

दरअसल,  यह पहला मौका नहीं है, जब भारत- रूस तेल सौदे पर लुटनिक ने सवाल उठाए है। उन्होंने हाल ही में कहा कि भारत 50 फीसदी टैरिफ के चलते जल्द ही अमेरिकी आगे झुक जाएगा। पिछले हफ्ते ब्लूमबर्ग को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि एक या दो महीने में भारत बातचीत की टेबल पर होगा। वे माफी मांगेंगे और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ समझौता करने की कोशिश करेंगे।"

चर्चा में ट्रम्प और मोदी का ट्वीट
बता दें कि भारत और अमेरिका के बीच एक बेहद सकारात्मक और दूरदर्शी व्यापक और वैश्विक रणनीतिक साझेदारी है। इस बीच राष्ट्रपति ट्रम्प और भारत के पीएम मोदी की टिप्पणी चर्चा में है। ट्रंप ने शुक्रवार को कहा, "भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच एक विशेष संबंध है। चिंता की कोई बात नहीं है।"

उनकी टिप्पणी के कुछ घंटों बाद पीएम मोदी ने शनिवार को एक्स पर पोस्ट में लिखा, "राष्ट्रपति ट्रंप की भावनाओं और हमारे संबंधों के सकारात्मक आकलन की मैं तहे दिल से सराहना करता हूं और उनका पूरा समर्थन करता हूं। भारत और अमेरिका के बीच एक बेहद सकारात्मक और दूरदर्शी व्यापक और वैश्विक रणनीतिक साझेदारी है।"

यह भी पढ़ें: ट्रम्प-मोदी की दोस्ती अमेरिका-भारत संबंधों को देगी मजबूती: सर्जियो गोर 

Comments

Related

ADVERTISEMENT

 

 

 

ADVERTISEMENT

 

 

E Paper

 

 

 

Video