कांगो में भारतीय अस्पताल को स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव ऑफ द सेक्रेटरी-जनरल (SRSG) और हेड ऑफ मिशन यूनिट अप्रिसिएशन सम्मान प्रदान किया गया है। / IANS
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत ने एक और उपलब्धि हासिल की है। कांगो में भारतीय अस्पताल को स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव ऑफ द सेक्रेटरी-जनरल (SRSG) और हेड ऑफ मिशन यूनिट अप्रिसिएशन सम्मान प्रदान किया गया है।
यह सम्मान विशेष रूप से जनवरी और फरवरी 2025 के उस कठिन समय को ध्यान में रखकर दिया गया, जब गोमा क्षेत्र भीषण संघर्ष का सामना कर रहा था। लगातार गोलीबारी, प्रत्यक्ष खतरों और सीमित संसाधनों के बावजूद भारतीय हॉस्पिटल ने अपनी चिकित्सा सेवाएं एक पल के लिए भी बाधित नहीं होने दीं।
भारतीय सेना के मुताबिक, यह लोकतांत्रिक गणराज्य कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन मोनुस्को में तैनात भारत का हॉस्पिटल है। जनवरी और फरवरी 2025 की अवधि में अस्पताल ने बड़ी संख्या में संघर्ष-पीड़ित यूएन पीस कीपर्स, स्थानीय नागरिकों और सुरक्षा कर्मियों का उपचार किया और कई गंभीर मरीजों की जान बचाई।
इसके साथ ही मंकीपॉक्स, कॉलरा और टीबी जैसी स्वास्थ्य आपात स्थितियों के बीच भी अस्पताल ने चिकित्सा सेवाएं निर्बाध रूप से जारी रखीं। शांत नेतृत्व, सटीक चिकित्सीय निर्णय और फोर्स हेडक्वार्टर्स के साथ प्रभावी समन्वय के लिए इस इकाई की विशेष सराहना की गई। यह लेवल-2 प्लस हॉस्पिटल है, जिसे पहले लेवल-3 हॉस्पिटल के रूप में जाना जाता था। यह सम्मान अस्पताल की उत्कृष्ट पेशेवर क्षमता, परिचालन दृढ़ता और मिशन के मैनडेट के प्रति महत्वपूर्ण योगदान के लिए दिया गया।
गोमा में आयोजित मेडल डे परेड के दौरान कंटिन्जेंट कमांडर कर्नल राजेश को ब्रिगेडियर सलील एमपी द्वारा यह सम्मान सौंपा गया। इसके बाद फोर्स कमांडर मोनुस्को लेफ्टिनेंट जनरल उलिसेस दे मेसकिता गोमेज का संदेश पढ़ा गया, जिसमें उन्होंने भारतीय चिकित्सा इकाई की नेतृत्व क्षमता, समर्पण और मिशन के प्रति प्रतिबद्धता की सराहना की।
फोर्स कमांडर ने बताया कि उच्च जोखिम वाले वातावरण में कार्यरत मेडिकल इकाइयों के लिए दक्षता, धैर्य और विश्वास योग्य सेवा अनिवार्य होती है। भारतीय हॉस्पिटल ने यहां इन सभी मानकों को उत्कृष्ट रूप से पूरा किया है। मोनुस्को में तैनाती के दौरान भारतीय हॉस्पिटल ने अन्य कंटिंजेंट्स को चिकित्सा प्रशिक्षण और सहायता देकर सहयोग तथा सामंजस्य की भावना को भी मजबूत किया।
इस उपलब्धि ने संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में भारत की विश्वसनीय, मानव-केंद्रित और पेशेवर भूमिका को एक बार फिर प्रमाणित किया है।
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