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टेक्सास में मानव तस्करी के आरोप में 4 भारतवंशी गिरफ्तार, महिलाओं से कराते थे जबरन काम

प्रिंसटन पुलिस को एक घर से 15 महिलाएं मिलने के मामले में पता चला है कि इन्हें कई प्रोग्रामिंग शेल कंपनियों में काम करने के लिए मजबूर किया गया था। पुलिस का अनुमान है कि इस मामले में 100 से अधिक लोग शामिल हो सकते हैं।

गिरफ्तार किए गए चार आरोपियों में एक महिला भी शामिल है। / representative image : unsplash

अमेरिका के टेक्सास में भारतीय मूल के चार अमेरिकियों को मानव श्रम तस्करी के आरोप में गिरफ्तार करके आरोपित किया गया है। इनमें एक महिला भी है। आरोप है कि ये मानव तस्करी करके लाई गई महिलाओं को टेक्सास के एक घर में रखते थे और जबरन काम कराते थे। 

न्यूज पोर्टल Fox4News.com की खबर के मुताबिक, प्रिंसटन पुलिस विभाग ने एक घर से 15 महिलाओं के बरामद होने के मामले में जांच का विवरण जारी किया है। ये महिलाएं कथित तौर पर मानव श्रम तस्करी की पीड़ित हैं। इसी के बाद चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।

पोर्टल ने पुलिस के हवाले से बताया है कि गिरफ्तार किए गए भारतीय प्रवासियों में चंदन दासीरेड्डी (24), द्वारका (31), संतोष कटकूरी (31) और अनिल माले (37) शामिल हैं। मार्च में गिरफ्तारी के बाद अब इन पर मानव तस्करी का आरोप लगाया गया है। कहा जा रहा है कि इस मामले में कुछ और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

अधिकारियों ने पाया कि ये सभी 15 महिलाएं प्रिंसटन के कोलिन काउंटी में गिन्सबर्ग लेन पर एक ही घर में रह रही थीं। उन्हें फर्श पर सोने के लिए मजबूर किया जाता था। घर में कोई फर्नीचर नहीं था। सिर्फ कुछ कंप्यूटर इलेक्ट्रॉनिक्स और कंबल थे।

एक अन्य न्यूज पोर्टल मैककिनी कूरियर-गजट की रिपोर्ट बताती है कि प्रिंसटन पुलिस विभाग के अधिकारी 13 मार्च को सूचना मिलने पर इस घर में पहुंचे थे। ये घर संतोष कटकूरी का है। पुलिस ने तलाशी वारंट हासिल करने के बाद वहां जांच की तो अंदर 15 महिलाएं मिलीं। कई लैपटॉप, सेल फोन, प्रिंटर और धोखाधड़ी वाले दस्तावेज भी जब्त किए गए। 

जांच के दौरान पता चला कि इन महिलाओं को कटकूरी और उनकी पत्नी द्वारका के मालिकाना हक वाली कई प्रोग्रामिंग शेल कंपनियों में काम करने के लिए मजबूर किया गया था। बाद में खुलासा हुआ कि प्रिंसटन, मेलिसा और मैककिनी में कई जगहों पर पुरुषों और इन महिलाओं से जबरन श्रम कराया जाता था। पोर्टल ने प्रिंसटन पुलिस सार्जेंट कैरोलिन क्रॉफर्ड के हवाले से बताया कि इस मामले में 100 से अधिक लोग शामिल हो सकते हैं। इनमें से आधे से अधिक पीड़ित हैं। 

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