चार दशकों के सामुदायिक सहयोग का जश्न मनाने के लिए नाट्य भारती ने 20-21 सितंबर, 2025 को मैरीलैंड के रॉकविल स्थित क्रीगर ऑडिटोरियम में 'दोहरी जिंदगी' के दो पूरक प्रदर्शन किए।
पद्मश्री विजयदान देथा की कहानी पर आधारित यह नाटक लोक-प्रेरित कहानी कहने के माध्यम से प्रेम, पहचान, लिंग और सामाजिक न्याय की पड़ताल करता है। यह पितृसत्तात्मक परंपराओं और लैंगिक भूमिकाओं व दहेज से जुड़ी कठोर सामाजिक संरचनाओं को चुनौती देता है, जो नाट्य भारती के सामाजिक रूप से प्रासंगिक रंगमंच के प्रति समर्पण को रेखांकित करता है।
इस नाटक में चेतना गोला के निर्देशन और मनोज तिवारी द्वारा निर्मित, सुमा मुरलीधर, सुशील रतन, सोनिया आर्य, नित्सु जोशी, राजीव पॉल, क्षमा बुटे-शिंदे, पंकज शर्मा, पूजा तिवारी, निधि कुंडू, देबांजन चौधरी, सियोना धारकर, शनाया सिंह, श्रुति देसाई और मनोज तिवारी जैसे कलाकारों ने अभिनय किया। एक प्रतिभाशाली दल ने संगीत, ध्वनि, प्रकाश व्यवस्था और सेट डिजाइन के साथ अनुभव को बढ़ाया।
इनमें मोहन राकेश, विजय तेंदुलकर, गिरीश कर्नाड और बादल सरकार की क्लासिक कृतियों से लेकर सुनीता मिश्रा, सुजीत राव और निशि चावला की समकालीन कृतियां शामिल हैं। इसका मिशन वॉशिंगटन, डी.सी. क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण दक्षिण एशियाई रंगमंच लाना, पहली और दूसरी पीढ़ी के दर्शकों को जोड़ना और रंगमंच के सभी पहलुओं में स्थानीय प्रतिभाओं को पोषित करना है।
डॉ. तावेरेकेरे 'कांति' श्रीकांतैया और विजय देशपांडे जैसे अग्रदूतों द्वारा स्थापित, नाट्य भारती सार्थक और समावेशी रंगमंच के अपने दृष्टिकोण के प्रति सच्चे रहते हुए समुदाय के साथ निरंतर विकसित हुआ है।
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