दक्षिण फ्लोरिडा हिंदू समुदाय के वे सदस्य जिनमें कई कश्मीरी मूल के हिंदू शामिल हैं और जो पिछले उत्पीड़न का शिकार रहे या उनके वंशज हैं मियामी शहर में एकत्र हुए और कश्मीर के पहलगाम में हिंदू पर्यटकों की हाल ही में लक्षित हत्याओं पर अपना आक्रोश और दुख व्यक्त किया। विरोध प्रदर्शन के दौरान इस हमले की निंदा की गई और इसे कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवादियों द्वारा कश्मीर घाटी में हिंदुओं के चल रहे नरसंहार का हिस्सा बताया।
प्रदर्शनकारियों के अनुसार निर्दोष गैर-मुस्लिम पर्यटकों से उनकी पहचान करने के लिए कहा गया और उन्हें चुन-चुन कर मार डाला गया। यह 1989-90 के नरसंहार के दौरान कश्मीरी पंडितों द्वारा झेली गई लक्षित हिंसा की भयावह प्रतिध्वनि है। वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि ये हमले आतंकवाद के अलग-थलग कृत्य नहीं हैं, बल्कि क्षेत्र की स्वदेशी हिंदू आबादी को खत्म करने के दशकों पुराने अभियान का हिस्सा हैं।
कश्मीर हिंदू फाउंडेशन, इंक के संयोजक दीपक गंजू ने कहा कि यह केवल आतंकवाद नहीं, यह नरसंहार है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को इस तथ्य के प्रति जागरूक होना चाहिए कि यह कश्मीर की हिंदू सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को मिटाने का एक सुनियोजित प्रयास है। पर्यटन की कोई भी संख्या जमीनी हकीकत को नहीं छिपा सकती।
प्रदर्शनकारियों ने तख्तियां ले रखी थीं और उन्होंने 'कश्मीर में हिंदू नरसंहार बंद करो' जैसे नारे लगाए तथा स्थानीय सहयोगियों और पाकिस्तान दोनों से जवाबदेही की मांग की। उन्होंने पाकिस्तान पर आतंकवादी समूहों को पनाह देने और दहशतगर्दी को समर्थन देने का आरोप लगाया।
गंजू ने स्थानीय कश्मीरी मुस्लिम आबादी के कुछ हिस्सों के कट्टरपंथीकरण की भी आलोचना की, चरमपंथियों को पनाह देने और समर्थन देने में उनकी भूमिका को रेखांकित गंजू ने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में कश्मीरी हिंदुओं की वापसी लगभग असंभव है। घाटी गैर-मुसलमानों के लिए शत्रुतापूर्ण हो गई है और केवल भारी सुरक्षा बलों की मौजूदगी ही आगे की हिंसा को रोकती है।
फ्लोरिडा से रिपब्लिकन कांग्रेस के उम्मीदवार जो कॉफमैन ने हिजबुल मुजाहिदीन और आईसीएनए इस्लामी आतंकवाद समर्थक संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया।
कश्मीर आतंकी हमले के बाद कैलिफोर्निया समेत पूरे अमेरिका में इसी तरह के विरोध प्रदर्शन हुए हैं। कश्मीर हिंदू फाउंडेशन, इंक. यूएसए के अध्यक्ष अंकित मोंगा ने दीर्घकालिक संवैधानिक समाधानों के पक्ष में जोरदार ढंग से बात की।
मोंगा ने कहा कि कोई भी सतही पुनर्वास योजना या सुलह की चाल काम नहीं करेगी। कश्मीरी हिंदुओं को सीधे भारतीय शासन के तहत पनुन कश्मीर के एक नए केंद्र शासित प्रदेश में बसाया जाना चाहिए। तभी वास्तविक सामान्य स्थिति वापस आ सकती है। गंजू और मोंगा दोनों ने भारत सरकार से शांति के लिए पर्यटन का उपयोग बंद करने और इसके बजाय ऐसी नीतियों को लागू करने का आग्रह किया जो कश्मीरी हिंदुओं की सुरक्षित और सम्मानजनक वापसी सुनिश्चित करें।
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