वैश्विक अर्थव्यवस्था में जारी उतार-चढ़ाव से दुनिया के आर्थिक हालात चुनौतीपूर्ण बने हुए हैं और भारत की अर्थव्यवस्था भी इनसे पूरी तरह अछूती नहीं है। यह बात भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी मासिक बुलेटिन रिपोर्ट में कही है। हालांकि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारतीय घरेलू अर्थव्यवस्था अब तक काफी लचीली साबित हुई है जिसका कारण कम महंगाई, मजबूत कॉरपोरेट सेक्टर और बैंकिंग सेक्टर के बेहतर बैलेंस शीट्स हैं।
आरबीआई ने इसी महीने की शुरुआत में चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की विकास दर का अनुमान 6.8 प्रतिशत कर दिया है जो पहले से अधिक है। रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्व में चल रही उथल-पुथल के बावजूद घरेलू कारकों के सहारे भारत की विकास संभावनाएं मजबूत बनी हुई हैं।
रिपोर्ट के अनुसार देश में चल रहे संरचनात्मक सुधार कमजोर वैश्विक मांग की वजह से होने वाले नकारात्मक असर को कुछ हद तक संतुलित कर रहे हैं। हालांकि भारत को फिलहाल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा लगाए ग टैरिफ का सामना करना पड़ रहा है। ट्रम्प ने दोहराया है कि जब तक भारत रूसी तेल की खरीद कम नहीं करता
तब तक ये भारी आयात शुल्क जारी रहेंगे। फिर भी आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका द्वारा भारत के निर्यात पर लगाए गए ऊंचे टैरिफ भारत की कुल आर्थिक वृद्धि के लिए कोई बड़ी चिंता नहीं हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का माल व्यापार यानी merchandise trade अब भी मजबूत है। हालांकि सितंबर में यानी जब से अतिरिक्त टैरिफ लगाया गया है तभी से अमेरिकी निर्यात में तेज गिरावट दर्ज की गई है।
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login