भारी कर्ज के बोझ में दबे अमेरिका पर डिफॉल्ट का खतरा गहरा गया है। वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने सांसदों को एक पत्र लिखकर कहा है कि ट्रेजरी विभाग को डिफॉल्ट रोकने के लिए 14 जनवरी तक 'असाधारण उपाय' करने की जरूरत पड़ सकती है।
ट्रेजरी सेक्रेटरी येलेन ने सांसदों से आह्वान किया है कि वे अमेरिका का भरोसा और क्रेडिट बनाए रखने में सहयोग करें। उन्होंने बताया कि 14 से 23 जनवरी के बीच ट्रेजरी कर्ज की नई लिमिट तक पहुंच सकता है। ऐसे में कुछ असाधारण उपाय करने होंगे।
2023 की बजट डील के तहत कांग्रेस ने 1 जनवरी 2025 तक कर्ज सीमा को सस्पेंड कर रखा है। वैसे तो ट्रेजरी कई और महीनों तक बिलों का पेमेंट कर सकता है लेकिन कांग्रेस को इस पर कदम उठाना ही होगा। ऐसा न होने पर कर्ज चुकाने में दिक्कत होगी। अगर अमेरिका कर्ज पर डिफ़ॉल्ट कर गया तो गंभीर आर्थिक नतीजे होंगे।
दरअसल, कर्ज सीमा कांग्रेस द्वारा तय एक लिमिट है कि अमेरिकी सरकार कितनी रकम उधार ले सकती है। चूंकि सरकार खर्च ज्यादा करती है और करों से आमदनी कम होती है, ऐसे में सांसदों को समय-समय पर इसके उपाय करने की जरूरत पड़ती है। यह राजनीतिक रूप से मुश्किल काम है क्योंकि बहुत से सांसद अधिक कर्ज के समर्थक नहीं हैं।
कांग्रेस ने 1939 में पहली बार 45 बिलियन डॉलर की कर्ज सीमा तय की थी। उसके बाद से यह सीमा 103 गुना तक बढ़ चुकी है क्योंकि टैक्स से आमदनी के मुकाबले खर्च लगातार बढ़ रहा है।
हालात कितने खराब हैं, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सार्वजनिक कर्ज अक्टूबर में अमेरिकी जीडीपी के 98% तक पहुंच गया है, जो अक्टूबर 2001 में महज 32% था।
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