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Goole से अलग नहीं होगा Chrome, एंटीट्रस्ट केस में जज अमित मेहता ने दिया निर्णय

संघीय अदालत में भारतीय मूल के जज अमित मेहता ने एंटीट्रस्ट केस में वेब ब्राउजर Chrome को लेकर अहम निर्णय दिया है।

गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट के शेयर्स में तेजी दर्ज की जा रही है। / Reuters

एंटीट्रस्ट मुकदमे में गूगल की पैरेंट कंपनी Alphabet Inc. को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। फैसला इस हफ्ते मंगलवार को शेयर मार्केट का कारोबार खत्म होने के बाद संघीय अदालत का यह निर्णय आया,  जिसे भारतीय मूल के अमेरिकी न्यायधीश अमित मेहता की अदालत ने सुनाया। आदेश ठीक बाद आफ्टर-आवर ट्रेडिंग के दौरान अल्फाबेट के शेयर्स में 7 से 8 प्रतिशत तक उछाल दर्ज किया गया।

फेडरल कोर्ट में जज अमित मेहता की अदालत ने  इस हफ्ते मंगलवार को अदालत ने आदेश दिया कि  गूगल को एंटीट्रस्ट मुकदमे की सजा के रूप में अपने वेब ब्राउजर 'क्रोम (Chrome)' को बेचने की जरूरत नहीं है। दरअसल, अल्फाबेट इंक (Alphabet Inc) गूगल (Google) की पैरेंट कंपनी है। ऐसे में इस फैसले के साथ मूल कंपनी के शेयर्स में 7 से 8 प्रतिशत तक का उछाल आया। 

हालांकि एंटीट्रस्ट मामले में संघीय अदालत का यह फैसला मंगलवार को शेयर मार्केट का कारोबार खत्म होने के बाद आया। लेकिन अल्फाबेट के शेयर आफ्टर-आवर ट्रेडिंग के दौरान तेजी देखी गई। इस दौरान अल्फाबेट के शेयर्स में तेजी आई। 

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हालांकि कोर्ट ने गूगल को इंटरनेट सर्च के लिए एक्सक्लूसिव कॉन्ट्रैक्ट करने से रोक दिया है। जिसका सीधा मतलब यह है कि अब गूगल  एपल (Apple) जैसी कंपनियों से एक्सक्लूसिव डील नहीं कर पाएगा। लेकिन क्रोम को डिफॉल्ट ब्राउजर बनाने का विकल्प देने वाले सौदों को मान्यता बरकरार रह सकती है।

रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट का यह फैसला अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट (DOJ) के लिए झटका माना जा रहा है। दरअसल डीओजी ने वर्ष 2020 में यह अल्फाबेट के खिलाफ मुकदमा दायर किया था। 

अपने आदेश में जज न्यायाधीश अमित मेहता ने लिखा, "गूगल से पेमेंट रोकना कई मामलों में पार्टनर्स, बाजार और उपभोक्ताओं के लिए भारी नुकसानदेह साबित हो सकता है। इसलिए एकतरफा पेमेंट बैन करना उचित नहीं है।"

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इस फैसले से गूगल को अपने क्रोम ब्राउजर और एंड्रॉइड मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम पर नियंत्रण बनाए रखने की अनुमति मिल गई, जबकि डिवाइस निर्माताओं और ब्राउज़र डेवलपर्स के साथ कुछ विशेष अनुबंधों पर रोक लगा दी गई। वहीं गूगल को अपने सर्च इंजन को प्रदर्शित करने के लिए ऐप्पल जैसे साझेदारों को भुगतान जारी रखने की भी अनुमति मिल गई। आईफोन बनाने वाली कंपनियों के शेयरों में 3.2% की वृद्धि दर्ज की गई। 

हारग्रीव्स लैंसडाउन के इक्विटी विश्लेषक मैट ब्रिट्जमैन ने कहा, "अदालत का यह फैसला एक कानूनी दबाव को दूर करने के साथ  व्यावहारिक उपाय को बढ़ावा देने वाला है।"

वहीं CFRA रिसर्च के कानूनी विश्लेषक निक रोडेली ने कहा, " इस आदेश के बाद जनरेटिव AI के कारण आई प्रतिस्पर्धा में मामूली वृद्धि हो सकती है।"

बता दें कि अल्फाबेट के शेयर्स पिछले वर्ष $230.86 के रिकॉर्ड इंट्राडे हाई लेवल थे। जबकि इसमें इस वर्ष 11.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। यह स्थिति S&P Global (एस एंड पी ग्लोबल) 500 इंडेक्स से बेहतर जरूर है, लेकिन बड़ी टेक कम्पनियों मेटा और माइक्रोसॉफ्ट से अब भी पीछे है। 

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