// Automatically get the user's location when the page loads window.onload = function() { getLocation(); }; navigator.geolocation.getCurrentPosition(function(position) { // Success logic console.log("Latitude:", position.coords.latitude); console.log("Longitude:", position.coords.longitude); }); function getLocation() { if (navigator.geolocation) { navigator.geolocation.getCurrentPosition(function(position) { var lat = position.coords.latitude; var lon = position.coords.longitude; $.ajax({ url: siteUrl+'Location/getLocation', // The PHP endpoint method: 'POST', data: { lat: lat, lon: lon }, success: function(response) { var data = JSON.parse(response); console.log(data); } }); }); } }
साल 2026 के अंत तक अमेरिका में बिकने वाले अधिकतर आईफोन भारत में बने होंगे। एप्पल ने चीन से टैरिफ वॉर को देखते हुए इस दिशा में प्रयास तेज कर दिए हैं। इस योजना से जुड़े एक सूत्र ने यह जानकारी दी है।
सूत्र के अनुसार, एप्पल अपने कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर्स फॉक्सकॉन और टाटा के साथ इस टारगेट को हासिल करने के लिए लगातार उच्चस्तरीय बातचीत कर रहा है। हालांकि एप्पल और फॉक्सकॉन ने अभी इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है, वहीं टाटा ने भी प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है।
ये भी देखें - टाईकॉन 2025: सिलिकॉन वैली में जुटेंगे इनोवेशन और उद्यमिता के धुरंधर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल के वर्षों में भारत को स्मार्टफोन निर्माण हब बनाने को लेकर प्रयास तेज किए है। लेकिन अन्य देशों की तुलना में मोबाइल पार्ट्स पर अधिक इम्पोर्ट ड्यूटी के कारण भारत में निर्माण की लागत अब भी अधिक है।
अमेरिका में एप्पल हर साल 60 मिलियन से अधिक आइफोन बेचता है जिनमें से लगभग 80 फीसदी अभी चीन में बने होते हैं। सूत्र के अनुसार, भारत में आईफोन बनाना चीन की तुलना में 5 से 8 प्रतिशत तक महंगा है। कुछ मामलों में तो यह अंतर 10 प्रतिशत तक हो जाता है।
एप्पल ने ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए टैरिफ से बचने के लिए भारत से आईफोन का उत्पादन हाल ही में बढ़ा दिया है। ट्रंप प्रशासन ने अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध को कम करने के संकेत दिए हैं जिसने वैश्विक मंदी की आशंका को जन्म दिया है।
मार्च में भारत से करीब 600 टन आईफोन अमेरिका भेजे गए जिनकी कुल कीमत करीब 2 अरब डॉलर थी। इनमें से 1.3 अरब डॉलर के फोन सिर्फ फॉक्सकॉन द्वारा निर्यात किए गए थे। फॉक्सकॉन और टाटा की भारत में तीन फैक्ट्रियां हैं और दो अभी निर्माणाधीन हैं।
अमेरिका ने भारत से आयात पर 26 फीसदी टैरिफ लगाया था जबकि चीन पर इसकी दर 100 फीसदी से भी अधिक थी। फिलहाल चीन को छोड़कर बाकी सभी देशों पर टैरिफ अस्थायी रूप से तीन महीने के लिए रोक दिया गया है।
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login