अमेरिका में भारतीय मूल के छात्रों की मौत की बढ़ती घटनाओं के बीच अमेरिका के गैर लाभकारी संगठन फाउंडेशन ऑफ इंडियन एंड इंडियन डायस्पोरा स्टडीज (FIIDS) ने ऐसे मामलों को रोकने के लिए कई सुझाव दिए हैं।
संयुक्त राज्य अमेरिका में पिछले 4-5 महीनों में भारतीय छात्रों की मौतों में खतरनाक रूप से बढ़ोतरी हुई है। भारतीयों के साथ घटनाओं में अचानक आई बाढ़ ने भारतीय छात्रों, भारतीय-अमेरिकी समुदाय के अलावा उनके माता-पिता में चिंता बढ़ा दी है।
Two Indian students #MohammedAbhulArafat & #UmaSatyaSaiGadde suspiciously died this week in the US making 11 deaths in 3 months (visit link) ! Concerned with the spike in #IndianStudentdeaths , #FIIDSUSA published analysis https://t.co/8wfvTJ1re6 recommending investigations to…
— FIIDSUSA (@FIIDSUSA) April 9, 2024
FIIDS ने इन घटनाओं के कारणों का विश्लेषण किया और पाया कि इनमें संदिग्ध गोलीबारी, अपहरण, पर्यावरणीय संबंधी कारण जैसे कि मोनोऑक्साइड विषाक्तता, हाइपोथर्मिया और आत्महत्या की वजह बनने वाले मानसिक मुद्दे और यहां तक कि संदिग्ध दुर्घटनाओं से लेकर हिंसक अपराध तक शामिल हैं।
दस से अधिक छात्रों की मौतों की रिपोर्ट जुटाकर उनका विश्लेषण करने वाली बोस्टन की डॉ. लक्ष्मी थलांकी ने कहा कि भारतीय छात्रों में मौतों की अचानक वृद्धि काफी संदिग्ध और चिंताजनक है।
FIIDS के नीति एवं रणनीति प्रमुख खांडेराव कंद ने कहा कि ओपन डोर्स रिपोर्ट (ओडीआर) के मुताबिक अमेरिका में भारतीय मूल के लगभग 275 हजार छात्र हैं। ये कुल विदेशी छात्रों का 25 प्रतिशत हैं। फीस और खर्च के रूप में ये प्रति वर्ष 9 अरब डॉलर देश में लाते हैं।
उन्होंने कहा कि भारतीय छात्रों की मौतों में हालिया बढ़ोतरी काफी चिंताजनक है। यदि इस समस्या का समाधान नहीं किया गया तो अमेरिकी विश्वविद्यालयों में सुरक्षा को लेकर उनका विश्वास कम होगा जिससे देश में छात्रों की आमद प्रभावित होगी।
संगठन ने ऐसे मामलों को रोकने के लिए अपनी रिपोर्ट में विदेश विभाग, न्याय विभाग, शिक्षा विभाग, विश्वविद्यालयों व छात्र संगठनों के साथ-साथ भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लिए कई सिफारिशें जारी की हैं।
FIIDS की मुख्य सिफारिशें इस तरह हैं-
FIIDS ने एक बयान में कहा कि इन सिफारिशों का उद्देश्य अमेरिका में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों के लिए सुरक्षित और सहायक वातावरण बनाना है ताकि वे बिना किसी डर के शैक्षणिक कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ सकें।
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