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अमेरिका में भारतीय छात्रों की संदिग्ध मौतें कैसे रुकें, FIIDS ने दिए अहम सुझाव

FIIDS के नीति एवं रणनीति प्रमुख खांडेराव कंद ने कहा कि अमेरिका में भारतीय मूल के लगभग 275 हजार छात्र हैं। ये कुल विदेशी छात्रों का 25 प्रतिशत हैं। भारतीय छात्रों की मौतों में हालिया बढ़ोतरी काफी चिंताजनक है।

अमेरिका में एक महीने से लापता मोहम्मद अब्दुल अरफात का शव मिला है। / X @IndianTechGuide

अमेरिका में भारतीय मूल के छात्रों की मौत की बढ़ती घटनाओं के बीच अमेरिका के गैर लाभकारी संगठन फाउंडेशन ऑफ इंडियन एंड इंडियन डायस्पोरा स्टडीज (FIIDS) ने ऐसे मामलों को रोकने के लिए कई सुझाव दिए हैं।

संयुक्त राज्य अमेरिका में पिछले 4-5 महीनों में भारतीय छात्रों की मौतों में खतरनाक रूप से बढ़ोतरी हुई है। भारतीयों के साथ घटनाओं में अचानक आई बाढ़ ने भारतीय छात्रों, भारतीय-अमेरिकी समुदाय के अलावा उनके माता-पिता में चिंता बढ़ा दी है।

 



FIIDS ने इन घटनाओं के कारणों का विश्लेषण किया और पाया कि इनमें संदिग्ध गोलीबारी, अपहरण, पर्यावरणीय संबंधी कारण जैसे कि मोनोऑक्साइड विषाक्तता, हाइपोथर्मिया और आत्महत्या की वजह बनने वाले मानसिक मुद्दे और यहां तक कि संदिग्ध दुर्घटनाओं से लेकर हिंसक अपराध तक शामिल हैं।

दस से अधिक छात्रों की मौतों की रिपोर्ट जुटाकर उनका विश्लेषण करने वाली बोस्टन की डॉ. लक्ष्मी थलांकी ने कहा कि भारतीय छात्रों में मौतों की अचानक वृद्धि काफी संदिग्ध और चिंताजनक है।

FIIDS के नीति एवं रणनीति प्रमुख खांडेराव कंद ने कहा कि ओपन डोर्स रिपोर्ट (ओडीआर) के मुताबिक अमेरिका में भारतीय मूल के लगभग 275 हजार छात्र हैं। ये कुल विदेशी छात्रों का 25 प्रतिशत हैं। फीस और खर्च के रूप में ये प्रति वर्ष 9 अरब डॉलर देश में लाते हैं। 

उन्होंने कहा कि भारतीय छात्रों की मौतों में हालिया बढ़ोतरी काफी चिंताजनक है। यदि इस समस्या का समाधान नहीं किया गया तो अमेरिकी विश्वविद्यालयों में सुरक्षा को लेकर उनका विश्वास कम होगा जिससे देश में छात्रों की आमद प्रभावित होगी। 

संगठन ने ऐसे मामलों को रोकने के लिए अपनी रिपोर्ट में विदेश विभाग, न्याय विभाग, शिक्षा विभाग, विश्वविद्यालयों व छात्र संगठनों के साथ-साथ भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लिए कई सिफारिशें जारी की हैं।

FIIDS की मुख्य सिफारिशें इस तरह हैं-

  • ·विदेशी छात्रों को व्यापक सुरक्षा शिक्षा कार्यक्रम प्रदान करना ताकि वे जलवायु या इलाके से संबंधित संभावित जोखिम पहचान सकें
  • ·खोज एवं बचाव प्रक्रियाओं में सुधार करना जिससे आपात स्थिति या दुर्घटनाओं के दौरान प्रतिक्रिया समय को कम करने में मदद मिल सकती है
  • ·सख्त नियम लागू करके रैगिंग रोकना, जो छात्रों के शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य के लिए गंभीर जोखिम पैदा करती है और जिससे चोट लगने का खतरा होता है
  • ·विदेशी छात्रों को सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील मानसिक स्वास्थ्य सहायता प्रदान करना, खासकर ऐसे छात्रों को जो अलगाव या सांस्कृतिक तालमेल बनाने में मुश्किल महसूस कर रहे हैं। 
  • इनके अलावा संगठन ने छात्रों से संबंधित विभागों, विश्वविद्यालयों और सामुदायिक संगठनों के लिए भी अलग-अलग सिफारिशें जारी की हैं।

FIIDS ने एक बयान में कहा कि इन सिफारिशों का उद्देश्य अमेरिका में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों के लिए सुरक्षित और सहायक वातावरण बनाना है ताकि वे बिना किसी डर के शैक्षणिक कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ सकें। 

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