सैन फ्रांसिस्को विश्वविद्यालय (USF) की भारतीय-मूल की मास्टर डिग्री की छात्रा अनन्या अग्रवाल के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) परियोजना मेडिकल जगत में नई क्रांति ला सकती है। उनके प्रोजेक्ट का उद्देश्य मेडिकल परीक्षणों के परिणामों की गति को बढ़ाना है। अग्रवाल और उनकी टीम द्वारा विकसित किए गए क्लाउड पैथोलॉजी AI टूल से रक्त परीक्षण के परिणामों का विश्लेषण और संक्षेपण तेजी से किया जा सकता है, जिससे मरीजों को अपनी रिपोर्ट प्राप्त करने में कम समय लगेगा।
अनन्या के साथी टीम सदस्य हैबिन ली ने बताया, "जब एक मरीज मेडिकल टेस्ट करवाता है, तो पैथोलॉजिस्ट को टेस्ट परिणामों की समीक्षा करनी होती है, जिससे मरीजों को रिपोर्ट के लिए इंतजार करना पड़ता है। हमारा AI टूल सेकंडों में इन परिणामों का विश्लेषण और संक्षेपण करता है, जिससे डॉक्टर इन्हें जांचने के बाद मरीज को दे सकते हैं।"
यह सिस्टम न केवल परिणामों को जल्दी से समझाता है, बल्कि स्वास्थ्य पर आधारित सरल सुझाव भी देता है, जो मरीजों को उनके परिणामों के आधार पर जल्दी कार्रवाई करने में मदद करते हैं।
अनन्या की टीम उन कई छात्र-नेतृत्व वाले प्रोजेक्ट्स में से एक है, जो USF में चल रहे हैं, जिनमें न केवल चिकित्सा क्षेत्र, बल्कि पर्यावरणीय निगरानी और साइबर सुरक्षा जैसी समस्याओं पर भी काम किया जा रहा है। USF के प्रोफेसर और ओपनप्राइज़ के सह-संस्थापक मैरियो लिम ने कहा, "यह सिर्फ शैक्षिक अभ्यास नहीं है, बल्कि इन प्रोजेक्ट्स का वास्तविक दुनिया में भी महत्वपूर्ण प्रभाव है।"
इसके अलावा, USF के छात्र GeoAI जैसे प्रोजेक्ट पर भी काम कर रहे हैं, जो पर्यावरणीय डेटा का विश्लेषण करता है। साथ ही, SnapLogic Agent Framework पर काम किया जा रहा है, जो बड़े भाषा मॉडल्स के साथ इंटरएक्शन के लिए AI क्षमताओं को बढ़ाता है।
साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में भी USF की एक टीम REST 8 नामक टूल विकसित कर रही है, जो कंप्यूटर सर्वरों के सुरक्षा स्तर को बढ़ाता है। इन प्रोजेक्ट्स का उद्देश्य केवल शिक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि इनका मुख्य उद्देश्य समाज की समस्याओं का समाधान करना और तकनीकी विकास के द्वारा बेहतर बदलाव लाना है।
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