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पहलगाम पीड़ितों के सम्मान में भारतीय अमेरिकी समुदाय एकजुट, रैली निकाली

इस कार्यक्रम में समुदाय के सदस्यों ने पीड़ितों को याद करते हुए आतंकवाद के खिलाफ शांति, न्याय और वैश्विक एकता का आह्वान भी किया।

पाकिस्तान वाणिज्य दूतावास के सामने शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लोग। / Courtesy Photo

भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लोग कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए दुखद आतंकी हमले के पीड़ितों को सम्मानित करने के लिए पाकिस्तान वाणिज्य दूतावास के सामने एक शांतिपूर्ण रैली के लिए एकत्र हुए। इस कार्यक्रम में समुदाय के सदस्यों ने पीड़ितों को याद करते हुए आतंकवाद के खिलाफ शांति, न्याय और वैश्विक एकता का आह्वान भी किया।

विभिन्न भारतीय अमेरिकी संगठनों द्वारा आयोजित इस रैली में न्यूयॉर्क और पड़ोसी राज्यों से लोग आए थे। कई उपस्थित लोगों ने मोमबत्तियां, तख्तियां और भारतीय झंडे थामे हुए थे। तमाम लोग मौन रूप से अपना दुख प्रकट कर रहे थे। हालांकि माहौल गमगीन था उम्मीद से भरा हुआ था।

रैली का आयोजन कई भारतीय अमेरिकी संगठनों ने मिलकर किया था। / Courtesy Photo

रैली में वक्ताओं ने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया और हिंसा की संस्कृति की निंदा की जो कश्मीर जैसे क्षेत्रों में जारी है। समुदाय के नेताओं, युवा प्रतिनिधियों और अंतर-धार्मिक सहयोगियों ने अंतरराष्ट्रीय निकायों और सरकारों से संघर्षग्रस्त क्षेत्रों में निर्दोष नागरिकों की सुरक्षा और उनका सम्मान सुनिश्चित करने की दिशा में ठोस कदम उठाने का आह्वान किया।

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आयोजकों में से एक सदस्य ने कहा कि यह सभा केवल पहलगाम में हुई निर्दोष लोगों की मौत पर शोक व्यक्त करने के लिए नहीं है। बल्कि यह घृणा के खिलाफ मजबूती से खड़े होने, जवाबदेही की मांग करने और शांति और मानवता को बनाए रखने के लिए एक वैश्विक समुदाय के रूप में एकजुट होने का रेखांकन है। 

उपस्थित लोगों ने पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के लिए कुछ समय का मौन रखा। उसके बाद वाणिज्य दूतावास परिसर के चारों ओर एक शांतिपूर्ण मार्च निकाला। कार्यक्रम का समापन शांति और हिंसा-मुक्त भविष्य की आशा का प्रतीक सफेद गुब्बारे छोड़ने के साथ हुआ।

क्रोध के बजाय शांति और विभाजन के बजाय एकता को चुनकर भारतीय अमेरिकी समुदाय ने एक स्पष्ट और हार्दिक संदेश दिय कि आतंकवाद मानवीय भावना को खत्म नहीं कर सकता और न ही कर सकेगा। पीड़ितों की स्मृति न्याय, करुणा और शांति के लिए जारी लड़ाई में जीवित रहेगी।

जैसा कि दुनिया देख रही है ऐसी रैलियां एक अनुस्मारक के रूप में काम करती हैं कि आतंक का सामना करने के लिए सबसे शक्तिशाली प्रतिक्रिया एकता है और एक बेहतर, अधिक मानवीय दुनिया के निर्माण के लिए सामूहिक प्रतिबद्धता जरूरी है।

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