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भारत-UK FTA से गारमेंट सेक्टर को 1 अरब डॉलर का निर्यात बोनस

अब तक भारत पर UK को गारमेंट निर्यात करने पर लगभग 9.6% टैरिफ लगता था, जबकि बांग्लादेश, तुर्की, कंबोडिया जैसे देश ड्यूटी-फ्री निर्यात कर रहे थे।

गारमेंट सेक्टर / pexels

भारत और यूनाइटेड किंगडम (UK) के बीच हुए फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) से भारत के रेडीमेड गारमेंट (RMG) सेक्टर को बड़ा फायदा होने जा रहा है। रेटिंग एजेंसी CareEdge के अनुसार, इस समझौते से भारत की UK को होने वाली गारमेंट निर्यात हिस्सेदारी दोगुनी हो सकती है और देश को हर साल 1.1-1.2 अरब डॉलर की अतिरिक्त कमाई का मौका मिल सकता है।

कैसे मिलेगा फायदा
अब तक भारत पर UK को गारमेंट निर्यात करने पर लगभग 9.6% टैरिफ लगता था, जबकि बांग्लादेश, तुर्की, कंबोडिया जैसे देश ड्यूटी-फ्री निर्यात कर रहे थे। FTA के बाद भारत को चीन पर 12% टैरिफ का प्रतिस्पर्धात्मक लाभ मिलेगा। चीन वर्तमान में UK के सबसे बड़े RMG आपूर्तिकर्ता हैं, जिसकी हिस्सेदारी 25.59% (5 अरब डॉलर) है, जबकि भारत की हिस्सेदारी सिर्फ 6% है।

CareEdge के अनुमान
भारत की UK में हिस्सेदारी 6% से बढ़कर 12% हो सकती है। भारत की RMG निर्यात कमाई UK से 1.2 अरब डॉलर तक पहुंच सकती है, जो अभी लगभग 1.4 अरब डॉलर (अप्रैल 2024-मार्च 2025) है।

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बांग्लादेश का संकट, भारत का मौका
बांग्लादेश ने 2024 में UK को लगभग 4 अरब डॉलर के कपड़े निर्यात किए थे, लेकिन देश में जारी राजनीतिक अस्थिरता के कारण कई वैश्विक ब्रांड अब सप्लाई चेन डाइवर्सिफिकेशन पर ध्यान दे रहे हैं, जिससे भारत को नया बाजार मिल सकता है।

AEPC की प्रतिक्रिया
AEPC चेयरमैन सुधीर सेखरी ने कहा, “यह ऐतिहासिक समझौता भारत के लिए RMG निर्यात और रोजगार सृजन में गेमचेंजर साबित होगा।” अब “Made in India” परिधान UK की दुकानों पर सस्ते मिलेंगे और भारत की प्रतिस्पर्धा की स्थिति बेहतर होगी।

चुनौतियां भी मौजूद
भारत अभी भी कॉटन-आधारित टेक्सटाइल पर निर्भर है, जबकि दुनियाभर में मैन-मेड फाइबर (MMF) की मांग ज्यादा है। अगर भारत इस फाइबर-गैप को नहीं भरता, तो निर्यात वृद्धि सीमित हो सकती है।

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