अमेरिका की खुफिया एजेंसी FBI ने एक चौंकाने वाले मामले में 6 साल के मासूम बेटे की हत्या के आरोप में सिंडी रोड्रिग्ज सिंह को अपनी 10 मोस्ट वांटेड भगोड़ों की सूची में शामिल किया है। इस महिला की गिरफ्तारी पर 2.08 करोड़ रुपये ($2,50,000) का इनाम घोषित किया गया है।
कौन है सिंडी रोड्रिग्ज सिंह?
सिंडी रोड्रिग्ज सिंह एक 40 साल की अमेरिकी नागरिक है, जिसका जन्म 1985 में डलास, टेक्सास में हुआ था। उसके भारत और मैक्सिको दोनों से पारिवारिक या व्यक्तिगत रिश्ते हैं, जिस वजह से उसे इन दोनों देशों में छिपे होने की आशंका जताई जा रही है।
उसकी लंबाई 5 फीट 1 इंच से 5 फीट 3 इंच के बीच है और वजन लगभग 54 से 63 किलो के बीच बताया गया है। उसकी आंखें और बाल भूरे रंग के हैं। उसके शरीर पर कई टैटू हैं—पीठ, दोनों टांगों, दाहिने हाथ, दाहिने पंजे और बाएं पिंडली पर भी टैटू हैं।
क्या है मामला?
FBI के अनुसार, सिंडी ने अपने बेटे नोएल रोड्रिग्ज-अल्वारेज़ (6 वर्ष) की हत्या की। यह बच्चा क्रॉनिक लंग डिज़ीज़ से पीड़ित था और उसे ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत होती थी। आरोप है कि सिंडी उसे खाना और पानी नहीं देती थी, पीटती थी और एक बार उसे बेच देने की बात भी कही थी। गवाहों ने बताया कि वह नोएल को "शैतानी" और "भूत-प्रेत से ग्रस्त" मानती थी और उसे अपने नवजात जुड़वां बच्चों के लिए खतरा समझती थी।
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नोएल को आखिरी बार अक्टूबर 2022 में देखा गया था। 22 मार्च 2023 को सिंडी, अपने पति अर्शदीप सिंह और छह बच्चों के साथ अमेरिका से भारत के लिए रवाना हुई, लेकिन नोएल साथ नहीं था। बाद में पुलिस से झूठ बोलते हुए उसने दावा किया कि नोएल अपने जैविक पिता के साथ मैक्सिको में है — जो झूठ निकला।
31 अक्टूबर 2023 को टेक्सास के टैरेन्ट काउंटी में सिंडी पर कैपिटल मर्डर का केस दर्ज किया गया। इसके कुछ दिन बाद उसके खिलाफ अवैध रूप से अभियोजन से बचने के लिए उड़ान भरने का फेडरल वारंट जारी हुआ।
भारत में छिपी होने का शक
FBI को शक है कि सिंडी रोड्रिग्ज सिंह इस वक्त भारत में छिपी हो सकती है। अमेरिकी एजेंसियां भारतीय अधिकारियों के साथ मिलकर उसकी खोज और प्रत्यर्पण के प्रयास कर रही हैं।
FBI की 10 सबसे वांछित की सूची में पहली “मां”
यह पहली बार है जब किसी महिला, और वह भी एक मां, को अपने ही बच्चे की हत्या के आरोप में FBI की टॉप 10 मोस्ट वांटेड सूची में शामिल किया गया है। इस सूची में अब तक 537 अपराधी शामिल हो चुके हैं, जिनमें से 497 की गिरफ्तारी हो चुकी है, कई बार आम जनता की मदद से।
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