व्हाइट हाउस के सलाहकार और राष्ट्रपति ट्रम्प की टैरिफ नीति के निर्माता पीटर नवारो ने हाल ही में फॉक्स न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में भारत पर नए सिरे से तीका हमला किया। उन्होंने देश के ब्राह्मण समुदाय पर रूसी तेल खरीद से मुनाफा कमाने का आरोप लगाया।
जब उनसे विशेष रूप से पूछा गया कि क्या भारत पर 50% टैरिफ व्लादिमीर पुतिन को रोकने के लिए पर्याप्त है तो नवारो ने जवाब दिया कि प्रशासन इसे और बढ़ाना नहीं चाहता। उन्होंने कहा कि चीन पर भी हमारे 50% टैरिफ हैं और इसे बढ़ाने से अमेरिका को नुकसान हो सकता है। इसके बाद उन्होंने भारत की ओर रुख किया और उसे 'टैरिफ का महाराजा' कहा।
नवारो ने शंघाई सहयोग संगठन के साथ भारत पर भी निशाना साधा और कहा कि मोदी एक महान नेता हैं, लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा कि जब भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है तो वह पुतिन और शी जिनपिंग के साथ क्यों घुल-मिल रहे हैं। मैं भारत के लोगों से कहूंगा कि ब्राह्मण भारतीय लोगों की कीमत पर मुनाफा कमा रहे हैं, और हमें इसे रोकना होगा।
इससे पहले इंटरव्यू में नवारो ने उम्मीद जताई थी कि सुप्रीम कोर्ट टैरिफ को बरकरार रखने में ट्रम्प प्रशासन का साथ देगा।
टैरिफ ने भारत की अर्थव्यवस्था को काफी प्रभावित किया है। कपड़ा, समुद्री भोजन और आभूषण जैसे क्षेत्रों को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। क्रिसिल रेटिंग्स की एक रिपोर्ट में टैरिफ वृद्धि के कारण वित्त वर्ष में भारतीय झींगा निर्यात में 15-18% की गिरावट का अनुमान लगाया गया है, जिससे 5 अरब डॉलर के व्यापार क्षेत्र को खतरा है। इसके अतिरिक्त, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने अगस्त में भारतीय इक्विटी से 34,993 रुपए करोड़ निकाले जो इस साल की सबसे तेज मासिक निकासी है।
नवारो की टिप्पणियों ने विवाद खड़ा कर दिया है। आलोचकों ने उन पर विभाजनकारी बयानबाजी करने का आरोप लगाया है। ट्रम्प प्रशासन के अधिकारियों की हालिया टिप्पणियों पर नई दिल्ली की कड़ी नजर है, जहां से कोई प्रतिक्रिया न देने का फैसला लिया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी वर्तमान में चीन में हैं। मोदी तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करने वाले हैं।
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