भारतीय मूल के फसल कीट-विज्ञानी रूपेश करियात को आरकंसास विश्वविद्यालय के कृषि प्रणाली प्रभाग में अंतरराष्ट्रीय फसल शरीरक्रिया विज्ञान में क्लाइड एच. साइट्स एंडोव्ड प्रोफेसर के पद पर नियुक्त किया गया है।
प्रो. करियात वर्ष 2022 में आरकंसास कृषि प्रयोग केंद्र में शामिल हुए थे। वे अब आरकंसास विश्वविद्यालय में कीटविज्ञान और पादप रोग विज्ञान विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। वे आरकंसास सहकारी विस्तार सेवा में भी कार्यरत हैं। इस पद से पहले उन्होंने टेक्सस विश्वविद्यालय, रियो ग्रांडे वैली में सेवा की थी।
आरकंसास विश्वविद्यालय को दिए एक बयान में प्रो. करियात ने कहा कि मुझे यह प्रतिष्ठित एंडोव्ड प्रोफेसर का पद प्राप्त करके सम्मानित महसूस हो रहा है। यह सहायता हमारी प्रयोगशाला को यह पता लगाने में मदद करेगी कि पौधे जैविक और अजैविक दोनों प्रकार के तनावों पर कैसे प्रतिक्रिया करते हैं।
प्रो. के मुताबिक हमारा लक्ष्य ऐसी लचीली फसलें उगाना है जो आरकंसास राज्य और उसके बाहर के लोगों को लाभ पहुंचाएं और साथ ही ऐसे नए कीट प्रबंधन उपकरण भी विकसित करें जिनका उपयोग स्थायी कृषि के लिए किया जा सके।
आरकंसास विश्वविद्यालय को दिए गए साक्षात्कार में कीट विज्ञान एवं पादप रोग विज्ञान विभाग के प्रमुख केन कोर्थ ने बताया कि करियात अपने साथ पादप प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं का समृद्ध अनुभव लेकर आए हैं और उन्होंने शीघ्र ही एक सशक्त शोध कार्यक्रम तैयार कर लिया है। कोर्थ ने कहा कि वह इन सभी जिम्मेदारियों में उत्कृष्ट हैं और इस पद के अत्यंत योग्य हैं।
प्रो. करियात वर्तमान में पांच पीएचडी छात्रों और एक स्नातकोत्तर छात्र का मार्गदर्शन कर रहे हैं। उनके शोध को एनएसएफ-एनआईएफए प्लांट बायोटिक इंटरेक्शन्स, यूएसडीए की प्राकृतिक संसाधन संरक्षण सेवा, आरकंसास बायोसाइंसेज इंस्टीट्यूट और कई उद्योग भागीदारों से वित्त पोषण प्राप्त होता है।
उन्होंने 2003 में केरल कृषि विश्वविद्यालय से कृषि विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। उसके बाद 2007 में व्योमिंग विश्वविद्यालय से कृषि विज्ञान में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की।
उन्होंने 2012 में पेंसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी से कीट-पौधे अंतःक्रियाओं में विशेषज्ञता के साथ अपनी पीएचडी पूरी की। बाद में करियात ने ईटीएच ज्यूरिख में पोस्टडॉक्टोरल शोध किया और ग्रीस में क्षेत्रीय कार्य किया।
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